कर्नाटक में उपजे हिजाब विवाद में अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की एंट्री हो गई है। प्रियंका ने आज ट्वीट करते हुए लिखा कि चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो।
बेंगलुरु। कर्नाटक में उपजे हिजाब विवाद में अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की एंट्री हो गई है। प्रियंका ने आज ट्वीट करते हुए लिखा कि चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो। प्रियंका के अनुसार देश में रहने वाली कोई भी महिला बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब हो वो जो पहनना चाहे वो पहन सकती है।
Whether it is a bikini, a ghoonghat, a pair of jeans or a hijab, it is a woman’s right to decide what she wants to wear.
This right is GUARANTEED by the Indian constitution. Stop harassing women. #ladkihoonladsaktihoon
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 9, 2022
महिलाओं को ये अधिकार उन्हें देश का संविधान देता है। बता दें कि 5 फरवरी को कर्नाटक सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया इसके बाद से राज्य में विवाद की स्थिती बनी हुई है। जिसमें तीन बातें कही गईं थी। पहला राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए एक समान यूनिफॉर्म अनिवार्य होगी, दूसरी बात प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र भी मैनेजमेंट की तरफ से तय की गई यूनिफार्म पहनकर ही Class अटेंड करेंगे और तीसरी बात जिन स्कूलों में अभी कोई ड्रेस कोड (Dress Code) लागू नहीं है, वहां भी हिजाब और बुर्के में किसी लड़की को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
सरकार के द्वारा जारी किये गये इस आदेश के बाद कुछ मुस्लिम लड़कियों को राज्य सरकार की स्कूलों ने क्लास में बैठने की इजाजत नहीं दी। जिसके विरोध में मुस्लिम लड़कियां प्रदर्शन कर रही हैं। इन लड़कियों की दो मांगे हैं। पहली ये कि- कर्नाटक सरकार ने इस मामले में 5 फरवरी को जो सर्कुलर जारी किया था, उसे वापस लिया जाए। और दूसरी मांग है- स्कूलों और कॉलेजों में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहन कर पढ़ने की इजाज़त मिले।
यहां एक महत्वपूर्ण Point ये है कि कर्नाटक सरकार ने वर्ष 1983 में एक कानून बनाया था, जिसके सेक्शन 133 के भाग दो में ये बताया गया है कि स्कूलों में सभी बच्चों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ऐसे फैसले ले सकती है, जिससे बच्चों के बीच किसी भी तरह का भेदभाव ना हो। इसलिए आज यहां ये भी सवाल उठता है कि, हमारे देश के स्कूल कानून के हिसाब से चलेंगे या धर्म के हिसाब चलेंगे।
इस बीच आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य के सभी High Schools और Colleges को अगले तीन दिन बन्द रखने का ऐलान किया है और इस मामले में छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है। गौरतलब है कि हिजाब विवाद पर आज कर्नाटक हाई कोर्ट में दोपहर ढाई बजे सुनवाई होने वाली है। इससे पहले सरकार ने सभी पक्षों से शांति बनाये रखने की अपील की है।