कमीशनखोरी में फंसे छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक (Pro. Vinay Pathak) के करीबी अजय मिश्रा की प्रिंटिंग प्रेस में लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow university) के प्रश्नपत्र भी छापे जाते थे। हालांकि यह काम फरीदाबाद की कंपनी को दिया गया था।
लखनऊ: कमीशनखोरी में फंसे छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक (Pro. Vinay Pathak) के करीबी अजय मिश्रा की प्रिंटिंग प्रेस में लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow university) के प्रश्नपत्र भी छापे जाते थे। हालांकि यह काम फरीदाबाद की कंपनी को दिया गया था।
लखनऊ समेत कई विश्वविद्यालयों के प्रश्नपत्र बिना ठेके के अजय मिश्रा की प्रेस में छापे जा रहे थे। तमाम सुबूत मिलने के बाद अब एसटीएफ ने शासन को पत्र भेजकर एक्सिलिक्ट प्रिंटिंग प्रेस को ब्लैक लिस्ट करने का सुझाव दिया है।
एसटीएफ ( STF) से जुड़े सूत्रों ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow university) में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र छापने का ठेका फरीदाबाद की कंपनी प्रिंटो टेक सॉलिटियर को दिया गया था। लेकिन, यह पेपर लखनऊ में अजय मिश्रा की प्रिंटिंग प्रेस एक्सिलिक्ट में छप रहा था।
सूत्रों ने बताया कि फरीदाबाद की कंपनी प्रिंटो टेक सॉलिटियर भी अजय मिश्रा की ही थी। जिसका अजय ने अपने नौकरों संतोष और विवेक के नाम पर पंजीकरण कराया था। इसी कंपनी को तमाम विश्वविद्यालयों के गोपनीय दस्तावेजों को छापने का जिम्मा दिया गया था।
सूत्रों का कहना है कि तमाम नए साक्ष्य मिलने के बाद यूपी एसटीएफ (STF) अब अजय मिश्रा को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। पूछताछ में कंपनी से एक्सिलिक्ट और प्रिंटो टेक के बीच क्या समझौता था, प्रिंटो टेक को मिले ठेके के पेपर यहां क्यों छप रहे थे? इन सब सवालों का जवाब एसटीएफ (STF) तलाशेगी।