कोरोना संकट के दौरान एंटी वायरल दवा रेमेडिसविर की मांग बढ़ गयी थी। इसको देखते हुए रेमेडिसविर का उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसको लेकर पहल की है। सरकार के इस फैसले से लोगों को अब रेमेडिसविर तय कीमत पर मुहैया कराया जाएगी।
नई दिल्ली। कोरोना संकट के दौरान एंटी वायरल दवा रेमेडिसविर की मांग बढ़ गयी थी। इसको देखते हुए रेमेडिसविर का उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसको लेकर पहल की है। सरकार के इस फैसले से लोगों को अब रेमेडिसविर तय कीमत पर मुहैया कराया जाएगी।
कोरोना संकट के दौरान रेमेडिसविर की मांग काफी ज्यादा बढ़ गयी थी। इस दौरान दवा की ब्लैक मार्केटिंग भी होने लगी। कई शहरों में इसके खिलाफ कार्रवाई भी की गयी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माना ने कि रेमेडिसविर इंजेक्शन की कमी थी। इस कारण कालाबाजारी की घटनाएं सामने आईं हैं।
कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी क्योंकि उन्हें रेमेडिसविर नहीं मिला। इसलिए हमने इसका उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। गडकरी ने कहा कि हमने कोशिश की (और निर्माण का अधिकार प्राप्त किया), रेमेडीसविर सरकार की कीमत पर लोगों को प्रदान किया जाएगा। अब, मुझे लगता है कि कोई कालाबाजारी नहीं होगी या कोई व्यक्ति इसके अभाव में नहीं मरेगा।
स्टॉक अधिक होने पर अन्य राज्यों को भी यह दवाई दी जा सकेगी। गडकरी ने गुरुवार को वर्धा में जेनेटिक लाइफ साइंसेज (फार्मेसी) का दौरा कर रेमेडिसविर इंजेक्शन के उत्पादन की देखरेख की। अमेरिकी कंपनी गिलायड के पास रेमडेसिविर का पेटंट है, जिसने भारत की सात कंपनियों को लाइसेंस दिया है, जिनमें से एक हेट्रो फार्मा के साथ गडकरी ने वर्धा की जेनेटिक लाइफ साइन्सेस का करार कराया था। इसके तहत हेट्रो फार्मा वर्धा के जेनेटिक के इस परिसर में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रेमडेसिविर का उत्पादन कर रही है।