राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को देश में तनाव, अशांति और हिंसा का माहौल है। इसके बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि उन्हें देश में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए आगे आकर राष्ट्र के नाम संदेश जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को इस तरह की घटनाओं की निंदा और राष्ट्र के लोगों का आह्वान करना चाहिए कि हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी और देश में कानून का राज चलेगा।
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को देश में तनाव, अशांति और हिंसा का माहौल है। इसके बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि उन्हें देश में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए आगे आकर राष्ट्र के नाम संदेश जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को इस तरह की घटनाओं की निंदा और राष्ट्र के लोगों का आह्वान करना चाहिए कि हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी और देश में कानून का राज चलेगा।
गहलोत कांग्रेस की आजादी गौरव यात्रा में शामिल होने के लिए डूंगरपुर जाते समय उदयपुर में मीडिया कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को चाहिए कि राष्ट्र के नाम संदेश जारी करें। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को हिंसा करने वालों की निंदा करनी चाहिए, चाहे वो किसी जाति एवं धर्म के हो। प्रधानमंत्री निंदा क्यों नहीं कर रहे हैं? एक बार उन्होंने निंदा की थी। उसके बाद उनके मुंह पर ताले क्यों लग गये? वह बोलेंगे तो हिंसा रुकेगी। प्रधानमंत्री के बोलने का मायने होता है, एक बार बोल दें।
गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री को देश की जनता से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश के खराब होते माहौल को ठीक करने का प्रयास करना चाहिए। अगर देश के नागरिकों में आपस में मनभेद होगा तो वह देश के अच्छे भविष्य के लिए उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बिना शांति के विकास संभव नहीं है। परन्तु कभी खाने को लेकर, पहनावे को लेकर तो कभी धार्मिक परंपराओं को लेकर यदि देश के लोग आपस में लड़ते रहेंगे। कुछ उपद्रवी तत्व उन्हें उकसाते रहेंगे तो ये देश इन छोटे मुद्दों में उलझा रह जाएगा व आगे कैसे बढ़ेगा?
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुन: अपील करता हूं कि देश में बढ़ रहे सांप्रदायिक तनाव को कम करने के लिए आप राष्ट्र के नाम संदेश दें । धर्म के नाम पर उपद्रव कर रहे शरारती तत्वों पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकारों को निर्देशित करें।’ उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि मुझे हिंदू होने का गर्व अवश्य है, लेकिन मेरा हिंदू धर्म न तो असहिष्णु है और न बहिष्कारवादी। हम सब हिंदू हैं पर हमारा धर्म सिखाता है कि सभी धर्मों का सम्मान करें। यही सोच हम सब रखकर एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करेंगे तो ऐसी नौबत ही नहीं आएगी।