होली का त्योहार पूरे जोश के रंगपंचमी के पर्व को मनाया जाता है।यह त्योहार कृष्ण पक्ष की पंचमी तक मनाया जाता है। होली के पांचवे दिन पड़ने के कारण इसे रंगपंचमी कहा जाता है।
Rang Panchami : होली का त्योहार पूरे जोश के रंगपंचमी के पर्व को मनाया जाता है।यह त्योहार कृष्ण पक्ष की पंचमी तक मनाया जाता है। होली के पांचवे दिन पड़ने के कारण इसे रंगपंचमी कहा जाता है। इस साल 17 मार्च को होलिका दहन होगा। इसके अगले दिन 18 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। वहीं, होली के पांचवें दिन चैत्र कृष्ण पंचमी को बड़े ही धूम-धाम से रंगपंचमी का पर्व मनाया जाएगा।
रंग पंचमी का त्योहार मनाने के पीछे की मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी। इस दिन विधि-विधान राधे कृष्ण के पूजन के समय उन्हें अबीर गुलाल अर्पित किया जाता है।
मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन पवित्र मन से पूजा-पाठ के द्वारा कुंडली के बड़े से बड़े दोष को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं। मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन रंग-गुलाल उड़ाने से सात्विक गुणों में अभिवृद्धि होती। इसके अलावा नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। रंगपंचमी के दिन कई जगह लोग शरीर में रंग ना लगाकर हवा में उड़ाते हैं।