आमलकी एकादशी को आंवला एकादशी या रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) भी कहते हैं। यह विशेष व्रत होली के कुछ दिन पहले आती है।
Rangbhari Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी को आंवला एकादशी या रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) भी कहते हैं। यह विशेष व्रत होली के कुछ दिन पहले आती है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को रंग भरी एकादशी का व्रत किया जाता है।इस बार आंवला एकादशी 14 मार्च दिन सोमवार को है।
इस बार आमलकी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि और पुष्य नक्षत्र योग बन रहे हैं। मान्यता है कि जो भक्त इस दिन व्रत रखेगा उसके सारे कार्य सफल होंगे और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा बरसेगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इसके अलावा भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा कर उन पर आंवला चढ़ाया जाता है।
मान्यता है कि यदि आमलकी एकादशी के दिन व्रत रखकर आंवले के पेड़ के नीचे आसन बिछाकर घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा की जाए तो ऐसा करने से 1000 गायों के दान के बराबर फल प्राप्त होता है।