जीवन में शिव-शक्ति की कृपा से अबीर गुलाल की तरह रंग बरसने लगता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि भागवान शिव अपने भक्तों पर कृपा बरसते है।
Rangbhari Ekadashi 2025 : जीवन में शिव-शक्ति की कृपा से अबीर गुलाल की तरह रंग बरसने लगता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि भागवान शिव अपने भक्तों पर कृपा बरसते है। फाल्गुन मास में पड़ने वाली रंगभरी एकादशी के विष्णु जी के साथ ही भगवान शिव की पूजा विधान है। मान्यता है रंगों के वातवरण में महादेव की पूजा-अर्चना करने से जीवन में खुशियों की बरसात होने लगती है। आइये जानते है रंगभरी एकादशी के शुभ मूहूर्त के बारे में।
रंगभरी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 9 मार्च को सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर होगा। एकादशी तिथि का समापन 10 मार्च को सुबह 7 बजकर 44 मिनट पर होगा। रंगभरी एकादशी का व्रत 10 मार्च 2025 को रखा जाएगा। वहीं रंगभरी एकादशी व्रत का पारण 11 मार्च को किया जाएगा। पारण के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 50 मिनट से सुबह 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। रंगभरी एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ ही महादेव की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है।
रंगभरी एकादशी के उपाय
रंगभरी एकादशी के दिन पूजा के दौरान आंवले का फल भगवान विष्णु को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं. आंवले के वृक्ष की पूजा करें फिर किसी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।
सफलता प्राप्ति के लिए
रंगभरी एकादशी के दिन 1 या 21 पीले फूल की माला बनाकर श्री हरि विष्णु को अर्पित करें। साथ ही, भगवान को खीर बनाकर उसमें तुलसी डालकर भोग लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
सुख समृद्धि के लिए
रंगभरी एकादशी के दिन जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य पाना चाहते हैं तो इस दिन पवित्र नदी में स्नान आदि करना चाहिए और भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। साथ ही, पूजा के बाद भगवान को आंवला चढ़ाना चाहिए।