HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. देशभर में हुआ रावण दहन: पीएम मोदी ने कहा-हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी

देशभर में हुआ रावण दहन: पीएम मोदी ने कहा-हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी

प्रधानमंत्री ने कहा, हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और INS Vikrant और तेजस का निर्माण भी जानते हैं। हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। हम शक्ति पूजा का संकल्प भी जानते हैं और कोरोना में सर्वे सन्तु निरामया के मंत्र को भी जी करके दिखाते हैं।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दशहरा के मौके पर द्वारका में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैं समस्त भारतवासियों को शक्ति उपासना पर्व नवरात्रि और विजय पर्व विजयादशमी की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। विजयादशमी का ये पर्व, अन्याय पर न्याय की विजय, अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है। साथ ही कहा, इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर हमारी विजय को 2 महीने पूरे हुए हैं। विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का भी विधान है। भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं, बल्कि उसकी रक्षा के लिए की जाती है।

पढ़ें :- Manmohan Singh Death: पीएम मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के किए अंतिम दर्शन, अमित शाह और जेपी नड्डा भी रहे मौजूद

प्रधानमंत्री ने कहा, हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और INS Vikrant और तेजस का निर्माण भी जानते हैं। हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। हम शक्ति पूजा का संकल्प भी जानते हैं और कोरोना में सर्वे सन्तु निरामया के मंत्र को भी जी करके दिखाते हैं। आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता देख पा रहे हैं। अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर, पूरे विश्व को हर्षित करने वाला होगा। राम मंदिर में भगवान राम के विराजने को बस कुछ महीने बचे हैं।

साथ ही कहा, हमें ध्यान रखना है कि आज रावण का दहन सिर्फ पुतले का दहन न हो। ये दहन हो हर उस विकृति का जिस कारण से समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है। ये दहन हो उन शक्तियों का जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करती हैं। ये दहन हो उन विचारों का जिनमें भारत का विकास नहीं स्वार्थ की सिद्धि निहित है। विजयादशमी का पर्व सिर्फ रावण पर राम की विजय का पर्व नहीं, राष्ट्र की हर बुराई पर राष्ट्रभक्ति की विजय का पर्व बनना चाहिए। हमें समाज में बुराइयों के, भेदभाव के अंत का संकल्प लेना चाहिए।

 

पढ़ें :- अतीत में कांग्रेस सरकारें केवल घोषणाएं करने में माहिर थीं, लोगों को नहीं मिल पाता था फायदा : पीएम मोदी
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...