लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों में आरक्षण का रोटेशन (चक्रानुक्रम) जारी रहेगा। आरक्षण और आवंटन संबंधी 11वां संशोधन लाकर योगी कैबिनेट ने अखिलेश सरकार द्वारा 2015 में लाया गया 10वां संशोधन समाप्त कर दिया है। अखिलेश सरकार ने 10वें संशोधन के तहत व्यवस्था की थी कि जहां पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा, वहां आरक्षण के रोटेशन को शून्य मानते हुए नए सिरे से आरक्षण निर्धारित किया जाएगा।
वर्ष 2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश के 71 जिलों में ग्राम क्षेत्र और जिला पंचायतों का नए सिरे से पुनर्गठन किया गया था। गोंडा, मुरादाबाद, नोएडा और संभल में पंचायतों का पुनर्गठन नहीं हो सका था। इस बार योगी सरकार ने इन चार जिलों में आरक्षण का पुनर्गठन कर दिया है।
तयशुदा रोटेशन से होगा बदलाव
पिछली व्यवस्था के मुताबिक यहां पहले से चल रही आरक्षण व्यवस्था को शून्य घोषित करके नए सिरे से आरक्षण तय किया जाना था। लेकिन सरकार ने फैसला लिया है कि पिछली बार इन जिलों में भी जो ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों का आरक्षण था, वह अपने तयशुदा रोटेशन के मुताबिक ही बदलेगा। रोटेशन की प्रक्रिया को बाधित नहीं किया जाएगा।
आपत्तियां मंगवाने के बाद निस्तारण के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव
यह नीति तय होने के बाद आरक्षण पंचयातों का आरक्षण तय करने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी। हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक 17 मार्च तक आरक्षण तय किया जाना है। लिहाजा उम्मीद जताई जा रही है कि जिले जल्द ही आरक्षण तय करके इन पर आपत्तियां मांगेंगे और इन्हें निस्तारित करने के बाद प्रस्ताव शासन को भेजेंगे।