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RSS Foundation Day : नागपुर से विजयादशमी पर्व पर मोहन भागवत का साफ संदेश, बोले-‘हिंदुओं दुर्बल रहना अपराध है…’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को विजयादशमी पर्व (Vijayadashami Festival) के मौके पर नागपुर के रेशम बाग मैदान में 'शस्त्र पूजन' किया। दशहरे के मौके पर RSS प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए देश और दुनिया से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बेबाक बात रखी और साफ संदेश भी दिया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को विजयादशमी पर्व (Vijayadashami Festival) के मौके पर नागपुर के रेशम बाग मैदान में ‘शस्त्र पूजन’ किया। दशहरे के मौके पर RSS प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए देश और दुनिया से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बेबाक बात रखी और साफ संदेश भी दिया। मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)  ने कहा कि सामाजिक सद्भाव और एकता के लिए जाति और धर्म से ऊपर उठकर व्यक्तियों और परिवारों के बीच मैत्री का होना जरुरी है, लेकिन बांग्लादेश में यह बात फैलाई जा रही है कि भारत उसके लिए एक खतरा है। सभी का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत अधिक सशक्त हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है।

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भारत छोड़कर बाकी विश्व ने अपने स्वार्थ छोड़कर बलि देने का मार्ग नहीं चुना

उन्होंने कहा कि भारत आगे न बढ़े ऐसा चाहने वाली शक्तियां भी हैं। तरह-तरह की चालें वो चलेंगे, अभी तक भारत छोड़कर बाकी विश्व ने अपने स्वार्थ छोड़कर बलि देने का मार्ग नहीं चुना है। बांग्लादेश में क्या हुआ ? उत्पात के कारण वहां के हिन्दू समाज पर अटैक हुआ। हिन्दू पर अत्याचार हुआ, हिन्दू वहां अपने बचाव के लिए सड़क पर आया। कट्टरपंथी जब तक हैं, तब तक अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार होगा। हिन्दुओं को सोचना होगा कि अगर हम दुर्बल हैं और असंगठित है तो गलत है। जहां हैं वहां संगठित रहो, हिंसक मत बनो लेकिन दुर्बल नहीं रहना है।

भारत को शक्ति संपन्‍न बनना पड़ेगा, दुर्बल रहने से काम नहीं बनेगा

मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने देश के लोगों से भारत में घूमने-फिरने की अपील करते हुए कहा कि ‘घर के अंदर भाषा, भोजन, वेशभूषा अपनी होनी चाहिए। यह हमारा अधिकार है। इसके साथ ही हमें अपने देश के स्थानों का भ्रमण करना चाहिए। भ्रमण ऐसा होना चाहिए, जिसमें अपने देश को जानने को मौका मिले। हमारे समाज में जिनको देखकर लोग आगे बढ़ते हैं, जिनको बड़ा माना जाता है, वो जैसा करते हैं, लोग वैसा करते हैं। उनको करने वालों को यह देखना चाहिए कि उन्हें ऐसा करना है, जिससे समाज को धक्का नहीं लगे। ऐसा ही भारत के साथ भी है। भारत को शक्ति संपन्‍न बनना पड़ेगा। दुर्बल रहने से काम नहीं बनेगा।

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गणेश उत्‍सव के दौरान  पथराव का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि अपने अधिकार की रक्षा करना अपना अधिकार है

गणेश उत्‍सव के दौरान हुई पथराव की घटनाओं का जिक्र करते हुए मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)  ने कहा कि ‘पिछले दिनों गणेश उत्सव के दौरान विसर्जनों पर पथराव हुआ, क्यों हुआ कोई कारण नहीं था। ऐसी गुंडागर्दी नहीं चलनी चाहिए। किसी को भी चलाने नहीं देनी चाहिए। अपने अधिकार की रक्षा करना अपना अधिकार है। पुलिस प्रशासन का काम है रक्षा करना लेकिन उससे पहले भी अपनों की मदद करना कर्तव्य है। मैं ये वर्णन किसी को डराने के लिए नहीं कर रहा हूं। ये परिस्थिति है, हमें ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ, वो लज्जित करने वाला  है

कोलकाता के आरजी कर अस्‍पताल की घटना का जिक्र करते हुए मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)  ने कहा कि ‘द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ तो महाभारत जैसा युद्ध हो गया। सीताहरण हुआ तो रामायण हो गया। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ, वो लज्जित करने वाला हो गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई, वो अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है।

आज बच्चों के हाथों में भी मोबाइल दिख रहे हैं लेकिन इसमें वो क्या देख रहे हैं, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है

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बच्‍चों द्वारा मोबाइल पर देखे जा रहे गलत कंटेंट का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि ‘आज बच्चों के हाथों में भी मोबाइल दिख रहे हैं लेकिन इसमें वो क्या देख रहे हैं, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि-व्यवस्था पर भी जरूरी है। इस स्थिति के कुपरिणाम भी हैं। कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है।

जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए, सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है

इसके साथ ही मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)  ने कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए। इसका ही परिणाम हम देखते हैं कि सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। हमारा योग सारी दुनिया में एक फैशन बनता जा रहा है। उसके शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है।’

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