Russia-Ukraine Crisis Live : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा विवाद अब चरम पर है। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन Ukraine के डोनेत्स्क Luhansk और लुगंस्क Donetsk को अलग देश के रूप में मान्यता देकर विवाद बढ़ा दिया है। फिलहाल अमेरिका और ब्रिटेन ने जहां रूस पर प्रतिबंध की बात कही है। तो वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन मसले को लेकर मंगलवार को मीटिंग हुई है।
Russia-Ukraine Crisis Live : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा विवाद अब चरम पर है। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन Ukraine के डोनेत्स्क Luhansk और लुगंस्क Donetsk को अलग देश के रूप में मान्यता देकर विवाद बढ़ा दिया है। फिलहाल अमेरिका और ब्रिटेन ने जहां रूस पर प्रतिबंध की बात कही है। तो वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन मसले को लेकर मंगलवार को मीटिंग हुई है।
राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मेरा मानना है कि डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की स्वतंत्रता और संप्रभुता को तुरंत पहचानने के लिए एक लंबे समय से लंबित निर्णय लेना आवश्यक है। क्रेमलिन में विद्रोही नेताओं के साथ पारस्परिक सहायता समझौतों पर हस्ताक्षर करने से पहले रूस के राष्ट्रपति ने यह बात कही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी कदम की निंदा की है। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर से बात की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस के खिलाफ पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है और अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने पूर्वी यूक्रेन में रूस द्वारा नए सिरे से मान्यता प्राप्त विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने लुगांस्क Luhansk, डोनेट्स्क Donetsk के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं, जबकि रूस पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाए हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि मैंने रूस को अंतरराष्ट्रीय कानून के घोर उल्लंघन से लाभ का मौका देने से इनकार करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। हम अगले कदमों पर यूक्रेन सहित सहयोगी देशों और भागीदारों के साथ लगातार परामर्श कर रहे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस द्वारा यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों को स्वतंत्र मान्यता देने के कदम की निंदा की है। यूरोपीय संघ से मास्को पर नए प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि अब अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए बिल्कुल कोई कारण नहीं है। हम इसे आगे भी इसी तरह बनाए रखने के लिए सब कुछ करेंगे। हम शांतिपूर्ण और कूटनीतिक तरीके के पक्ष में रहते हैं। हम सिर्फ इसी राह पर चलेंगे। हम अपनी जमीन पर हैं, और हम किसी से नहीं डरते। हमने किसी का कुछ भी बकाया नहीं रखा है। हम किसी को कुछ देंगे भी नहीं। हमें इस पर पूरा भरोसा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूसी ‘शांति-रक्षक बल’ डोनेट्स्क में आगे बढ़ रहे हैं। जापान के योमीउरी अखबार ने मंगलवार को बताया कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देते हैं तो जापान रूस पर अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों में शामिल हो सकता है, जिसमें चिप और अन्य प्रमुख प्रौद्योगिकी निर्यात पर प्रतिबंध शामिल है।
एएफपी के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस सहित पश्चिमी देशों ने सहयोगी यूक्रेन में अलगाववादी क्षेत्रों की रूस द्वारा मान्यता देने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक का अनुरोध किया है। सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन से संयुक्त राष्ट्र को लिखे गए एक पत्र के आधार पर बैठक के अनुरोध के पीछे के देशों में यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड और अल्बानिया भी शामिल हैं।
पश्चिमी देशों ने दावा किया कि रूसी सेनाएं लड़ाकू जेट, टैंक, हेलीकॉप्टर और भारी हथियारों के साथ यूक्रेन की सीमा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर तैनात हैं। यह सब इस क्षेत्र में एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू करने के रूस के इरादे की ओर इशारा करता है।
यूक्रेन ने भी रूस को हमले के प्रति आगाह किया है। कहा है कि दुनिया भर के कई देश पहले से ही मास्को के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं। यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्विटर पर कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया बात करती है और फिर प्रतिबंधों पर चलती है।
UNSC की मीटिंग में यूक्रेन भी शामिल था। अपने बयान की शुरुआत में रूसी कदम को वायरस बताया जिसने यूएन तक असर किया है। आगे कहा गया कि यह वायरस क्रेमलिन ने फैलाया है। कहा गया कि यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर अभी अपरिवर्तनीय हैं और ऐसे ही रहेंगे।
UNSC में भारत के स्थाई सदस्य टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने यूक्रेन मसले पर भारत की तरफ से बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन सीमा पर विवाद बढ़ना चिंता की बात है। ताजा घटनाक्रम इलाके में शांति-सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। नागरिकों की सुरक्षा जरूरी है। यूक्रेन में 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र और भारतीय लोग रहते हैं। भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आगे कहा गया कि भारत वैश्विक शांति और सुरक्षा पर जोर देता है। उम्मीद जताई गई है कि यह विवाद जल्द निपट जाएगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।