जाने माने लेखक सलमान रुश्दी ने अपनी अगली पुस्तक के लिए भारत लौटने का मन बनाया हैं। लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) का अगला उपन्यास भारतीय कहानी पर आधारित होगा।
नई दिल्लीः जाने माने लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ने अपनी अगली पुस्तक के लिए भारत लौटने का मन बनाया हैं। लेखक ( author) सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) का अगला उपन्यास (Novel) भारतीय कहानी पर आधारित होगा। बुकर पुरस्कार (booker prize)से सम्मानित सलमान रुश्दी ‘टाइम्स लिटफेस्ट’ के एक सत्र में बोल रहे थें। उन्होंने कहा कि उनका अगला उपन्यास भारत आधारित होने की उम्मीद है जिसके लिए उन्हें भारत वापस आना होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में मैंने ज्यादातर उपन्यास पश्चिमी देशों पर आधारित लिखे हैं, ये उपन्यास ज्यादातर अमेरिका आधारित हैं, थोड़े ब्रिटेन पर आधारित हैं, मुझे लगता है कि यह भारत वापस आने का समय हो सकता है. मुझे लगता है कि अगली पुस्तक एक भारतीय उपन्यास होगी।’’
रुश्दी ने कहा कि यह बहुत शुरुआती चरण में है, इसलिए मुझे थोड़ा और आगे बढ़ने दीजिये लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह पूरी तरह से भारत पर आधारित होगा, जिसका मतलब है कि मुझे भारत आना होगा। बहुत लंबा वक्त हो गया है। लेखक आखिरी बार दीपा मेहता की 2013 की फिल्म ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ (‘Midnight’s Children’) के प्रचार के लिए भारत आए थे, जो रुश्दी की इसी नाम की बुकर पुरस्कार सम्मानित पुस्तक पर आधारित थी।
खुद को ‘‘बॉम्बे बॉय’’ कहने वाले लेखक ने भारत वापस आने के बारे में बात करते हुए कहा कि धार्मिक आपत्तियों या सुरक्षा दिक्कतों ने देश में वापस आना ‘‘काफी मुश्किल’’ बना दिया। 74 वर्षीय लेखक ने कहा, ‘‘कभी-कभी मेरे लिए भारत आना काफी मुश्किल हो जाता है और इसे टालना पड़ सकता है
रुश्दी ने यहां 1980 के दशक में अपने ‘‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’’ के लिए लिखने के समय को याद करते हुए कहा, ‘‘मुझे यकीन नहीं था कि अंग्रेजी में भारतीय लेखन अनिवार्य रूप से जीवित रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय लेखकों की वर्तमान पीढ़ी ‘‘हर संभव शैली और रूप’’ में लिख रही है, जो बहुत अच्छी बात है।
‘सैटेनिक वर्सेज’ लिखने से उत्पन्न हुआ था आक्रोश
रुश्दी की भारत यात्रा अक्सर विवादों में घिरी रही है क्योंकि उनकी 1988 की पुस्तक ‘सैटेनिक वर्सेज’ के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक आक्रोश उत्पन्न हुआ था, जिसके बाद उन्होंने देश का दौरा करने से परहेज किया। इस पुस्तक के लिखने में एक धार्मिक नेता ने उनपर मौत का फतवा जारी कर दिया