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Salute to Bravery : पति की जान बचाने के लिए जान पर खेलकर बाघ से भिड़ी पत्नी, मौत के मुंह से जिंदा बचाया

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि मातृ शक्ति के आगे यमराज भी फेल हो जाते हैं। ऐसी कई कहानियां हमारें ग्रंथों में हैं जहां पर मातृ शक्ति के यमराज भी हार गए हैं। ऐसा ही कुछ नजारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार दूसरी बार मातृ शक्ति के आगे वनराज बाघ की पराजय का मामला सामने आया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

उमरिया। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि मातृ शक्ति के आगे यमराज भी फेल हो जाते हैं। ऐसी कई कहानियां हमारें ग्रंथों में हैं जहां पर मातृ शक्ति के यमराज भी हार गए हैं। ऐसा ही कुछ नजारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार दूसरी बार मातृ शक्ति के आगे वनराज बाघ की पराजय का मामला सामने आया है।

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पहली घटना हाल ही में चार सितंबर को रोहनिया गांव में खेत की रखवाली के दौरान डेढ़ वर्षीय मासूम बच्चे पर बाघ के हमला की है जिसमें दिल के टुकड़े को बचाने के लिए मां बाघ से भिड़ पड़ी थी। इस घटना को लोग भूलते इसके पहले एक वृद्ध महिला ने अपने जीवनसाथी की जान को बचाने के लिए बाघ से भिड़ने की नई घटना सामने आ गई। वृद्ध महिला ने बाघ के जबड़े से पति को छुड़ा लिया। यह वाकया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर रेंज में गौरैया बीट का बताया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, कुम्हर्रा गांव के रहने वाले बुजुर्ग चरका बैगा अपनी पत्नी के साथ राशन लेने रामपुर गांव गए थे। वापस लौटते समय भोजन पकाने के लिए कुछ सूखी लकड़ी बीनने लगा, लेकिन तभी झाड़ियों के पीछे छिपे बाघ ने उन पर हमला कर दिया। वृद्ध पत्नी भागने की बजाय पति को बचाने के लिए दहाड़ उठी और सूखी लकड़ी के सहारे तब तक ललकारती रही जब तक उसने चरका को छोड़ न दिया। बाघ उसे छोड़कर जंगल की ओर बाघ गया। बाघ के जबड़े से पति को बचाने के बाद भी बुजुर्ग महिला थकी नहीं और राशन की गठरी सिर पर रखकर अपने जीवनसाथी को सहारा देकर जंगल से घर ले गई । बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है । इलाज शुरू भी शुरू कर दिया गया है ।

सूखी लकड़ी लेकर बाघ पर लगातार किए वार

पत्नी सोम बाई बैगा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पति सूखी लकड़ियां बीन रहे थे, इसी बीच उन्हें बाघ ने दबोच लिया । मैंने हिम्मत नहीं हारी । एक बड़ी सी सूखी लकड़ी लेकर बाघ पर लगातार वार किए । थोड़ी देर में बाघ पति को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया । फिर मैंने राशन की गठरी सिर पर रखी और एक हाथ से पति को सहारा देते हुए घर ले आई । रास्ते में मैं लगातार चिल्लाती आई ताकि लोगों की मदद मिल सके और बाघ फिर से हम पर हमला न कर सके ।

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सोम बाई ने कहा कि हमारे गांव में बाघ की बहुत दहशत है। आए दिन घर के पास तक पहुंच जाता है. बाघ के भय से हम लोग रिश्तेदारी तक में भी नहीं जा पाते हैं।

धमोखर डिप्टी रेंजर बीके श्रीवास्तव ने बताया, ‘दंपति जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। इसी बीच, बाघ ने बुजुर्ग चरका बैगा पर हमला कर दिया। उनकी पत्नी ने किसी तरह उनकी जान बचाई और घर ले आई। गांव के कुछ लोगो की मदद से घर पहुंचे । सूचना मिलने पर हम लोग भी आये और वाहन की व्यवस्था करके पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया है । तात्कालिक राहत के तौर पर पीड़ित परिवार को एक हजार की आर्थिक सहायता दी गई है ।

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