भगवान शिव को पवित्र बेल पत्र अर्पित किया जाता है। शिव, सृष्टि और सावन का तारतम्य है।
Sawan Special : वर्ष भर पूजे जाने भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना सावन माह में की जाती है। सावन महीना आज 4 जुलाई 2023, मंगलवार से आरंभ हो गया है। इस माह में प्रकृति को नवजीवन मिलेगा। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि शिव साक्षात प्रकृति है। शिव पूजा में बेलपत्र का बहुत महत्व है। भगवान शिव को पवित्र बेल पत्र अर्पित किया जाता है। शिव, सृष्टि और सावन का तारतम्य है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने शिव भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या किया था। देवी पार्वती तपस्या की अवधि में बेलपत्र का प्रसाद ग्रहण करती थीं।
बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के नियम
बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के नियम है। बेल पत्र के बिना शिवजी की पूजा अधूरी है। शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने में कम से कम यह 3 पत्र वाला होना चाहिए। शिवलिंग पर बेलपत्र हमेशा उल्टा अर्पित करना चाहिए, यानी पत्ते का चिकना भाग शिवलिंग के ऊपर होना चाहिए। बेलपत्र में चक्र और वज्र नहीं होना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में बेल के पेड़ और पौधे को इतना शुभ बताया गया है कि इस एक पौधे का घर में होना घर के सारे वास्तु दोष खत्म कर देता है। शिव पुराण के अनुसार जिस जगह पर बेलपत्र का पौधा लगा होता है वह जगह काशी तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय हो जाती है। बेल का पौधा सुख-समृद्धि समेत कई अन्य फायदे भी देता है।