अमेरिका में लगे आरोपों के बाद अडानी समूह (Adani Group) एक बार फिर सेबी (SEBI) की जांच के घेरे में है। बाजार नियामक सेबी (SEBI) इस बात की जांच कर रहा है कि अडानी समूह (Adani Group) ने बाजार में होने वाली गतिविधियों के खुलासे के अनिवार्य नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं।
नई दिल्ली। अमेरिका में लगे आरोपों के बाद अडानी समूह (Adani Group) एक बार फिर सेबी (SEBI) की जांच के घेरे में है। बाजार नियामक सेबी (SEBI) इस बात की जांच कर रहा है कि अडानी समूह (Adani Group) ने बाजार में होने वाली गतिविधियों के खुलासे के अनिवार्य नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं। नियामक ने स्टॉक एक्सचेंजों से इस संबंध में जानकारी देने को कहा है।
सेबी (SEBI) ने स्टॉक एक्सचेंजों बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने कहा है कि वे बताएं कि अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Limited) ने रिश्वतखोरी के आरोपों में उनके खिलाफा अमेरिकी न्याय विभाग (US Justice Department) की जांच का खुलासा किया है या नहीं। माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया में दो सप्ताह लग सकते हैं। इसके बाद सेबी (SEBI) यह निर्णय करेगा कि वह समूह के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाएगा या नहीं। सेबी ने पहले भी खुलासा से जुड़े नियमों का पालन किया गया या नहीं इस बारे में समूह की जांच की थी।
सेबी (SEBI) की जांच का मुख्य केंद्र बिंदु 15 मार्च को आई एक मीडिया रिपोर्ट है, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी अभियोजक जांच कर रहे थे कि क्या अदाणी की कोई कंपनी या उससे जुड़े लोग अधिकारियों को एक सोलर प्रोजेक्ट का ठेका फाइनल करने के लिए रिश्वत दे रहे हैं। हालांकि, समूह ने कहा था कि हमारे चेयरमैन के खिलाफ किसी भी जांच के बारे में जानकारी नहीं है। समूह की ओर से 19 मार्च को शेयर बाजारों को दी जानकारी में अदाणी ग्रीन ने कहा था कि उसे पता है कि किसी तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिकी भ्रष्टाचार रोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की जांच चल रही है।