प्राचीन काल से ही सजने संवरने के लिए धातुओं का उपयोग होता आया है। राजा महाराज और प्रजा सभी सुन्दरता बढ़ाने के लिए सोने-चांदी हीरे जवाहरात का उपयोग करते थे।
Shakun Shastra : प्राचीन काल से ही सजने संवरने के लिए धातुओं का उपयोग होता आया है। राजा महाराज और प्रजा सभी सुन्दरता बढ़ाने के लिए सोने-चांदी हीरे जवाहरात का उपयोग करते थे। बाजर में इन धातुओं की कीमत उस समय भी आसमान छूती थी और आज भी छू रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए धातुओं में उन रत्नों को पहना जाता है। सोने-चांदी से जुड़े कई शगुन और अपशगुन हैं। आइए जानते हैं इन शकुन और अपशकुन शास्त्र के बारे में।
1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना खोना या पाना दोनों ही अपशगुन माना गया है।
2.सोना या चांदी गिरा हुआ मिला तो उसे उठाकर घर नहीं लाना चाहिए।
3.सोने का संबंध गुरु ग्रह से है। सोने खोने से गुरु ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ता है।
4.शकुन शास्त्र में नाक या कान के गहने खोने को भी अपशगुन माना गया है।
5.कंगन का गुम होना भी अपशगुन ही होता है. इससे मान-सम्मान में कमी आती है।