भारतीय भोजन तन और मन को केंद्र में रख कर निर्मित होते है। स्वाद और सेहत के भोजन बनाने के और भोजन ग्रहण करने को कुछ आवश्यक नियम बनाए गए है।
Shakun Shastra : भारतीय भोजन तन और मन को केंद्र में रख कर निर्मित होते है। स्वाद और सेहत के भोजन बनाने के और भोजन ग्रहण करने को कुछ आवश्यक नियम बनाए गए है। यही वजह है कि रसोई घर से सेहत और समृद्धि का रास्ता निकलता है। परिवार के सदस्यों के मन बुद्धि पर रसोई की शुद्धता का विशेष प्रभाव दिखता है। सात्विक भोजन शरीर को बलिष्ठ बनाता है। भोजन करने को लेकर शास्त्र उन नियमों को बताते है जो शरीर को निरोगी बनता है।घर परिवार में यदि रसोई घर में सब कुछ ठीक चल रहा होता है तो परिवार के सदस्यों को अपेक्षित सफलता मिलती रहती है। बीमारियों और परेशानियों से घर परिवार के सदस्य दूर रहते है। प्राचीन ग्रंथ शकुन शास्त्र के अनुसार,रसोई घर के कुछ शकुन अपशकुन होते है। आइये जानते है गर्म तवे के बारे में शकुन शास्त्र के क्या नियम है।
1.रसोई घर में तवे या कढ़ाई को कभी भी उल्टा नहीं रखें।
2.तवा और कढ़ाई को हमेशा रसोई में दाएं तरफ स्थान दें।
3.खाना बनने के बाद खाली चूल्हे पर तवा न चढ़ाएं।
4.गर्म तवे पर पानी नहीं डालना चाहिए इससे घर में मुसीबत आती हैं।
5.घर में रसोई का प्लेटफार्म का चटकना या टूटना, या तड़क जाना दरिद्रता की संकेत होता है।
6.तवा ठंडा होने पर उसके ऊपर नींबू और नमक रगड़कर उसे चमका दें इससे घर वालों की किस्मत भी चमक उठेगी।