जीवन में सुकून से दो जून की रोटी खाने को सौभाग्य माना जाता है। जीवन में कलह और किचकिच का सबसे अधिक असर प्रतिदिन के भोजन पर पड़ता है।
Shakun Shastra : जीवन में सुकून से दो जून की रोटी खाने को सौभाग्य माना जाता है। जीवन में कलह और किचकिच का सबसे अधिक असर प्रतिदिन के भोजन पर पड़ता है। भोजन को ले कर सुख और शांति की कल्पना की जाती है। सुख पूर्वक भोजन मिलता रहे इसके लिए प्राचीन ग्रंथ शकुन शास्त्र में कुछ जरूरी उपाय बताए गए है। भोजन को मां अन्नपूर्णा का रूप माना जाता है। घर की रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया गया है कि जिस घर की रसोई में साफ सफाई रहती है वहां मां अन्नपूर्णा निवास करती है। आइये जानते है भोजन के शुभ और अशुभ संकेतों के बारे में।
1.दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से मान-सम्मान की हानि होती है।
2.हमेशा भोजन बैठकर करें। कभी भी सीधे जमीन पर बैठकर भोजन न करें, बल्कि आसन बिछाएं।
3.बिस्तर पर बैठ कर भोजन नहीं करना चाहिए।
4.खाना खाने के बाद थाली में हाथ नहीं घुलना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता है।
5.खाना खाते समय क्रोध और बातचीत न करें। इसके अलावा भोजन करते समय अजीब सी आवाजें निकालना भी अच्छा नहीं होता।