वैभव , विलासिता और आवश्यकता के लिए लोग प्राचीन काल से ही धातुओं का प्रयोग श्रृंगार के लिए करते आ रहे है। ग्रहों के उपचार के लिए ज्योतिष शास्त्र में सोने,चांदी, हीरे जैसी मूल्यवान धातुओं को धारण करने की सलाह दी जाती है।
Shakun Shastra : वैभव , विलासिता और आवश्यकता के लिए लोग प्राचीन काल से ही धातुओं का प्रयोग श्रृंगार के लिए करते आ रहे है। ग्रहों के उपचार के लिए ज्योतिष शास्त्र में सोने,चांदी, हीरे जैसी मूल्यवान धातुओं को धारण करने की सलाह दी जाती है। इन धातुओं को लेकर शुभ अशुभ का विचार किया जाता है। शकुन शास्त्र जैसे प्राचीन शास्त्र में धातुओं के व्यवहार के बारे में बताया गया है। शगुन शास्त्र के मुताबिक दाएं पैर की पायल गुम हो जाने से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी हो सकती है। वहीं बाएं पैर की पायल का खो जाना यात्रा में दुर्घटना की ओर संकेत करता है। आइए जानते हैं शकुन और अपशकुन शास्त्र के बारे में।
1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना खोना या पाना दोनों ही अपशगुन माना गया है।
2.सोना या चांदी गिरा हुआ मिला तो उसे उठाकर घर नहीं लाना चाहिए।
3.सोने का संबंध गुरु ग्रह से है। सोने खोने से गुरु ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ता है।
4.शकुन शास्त्र में नाक या कान के गहने खोने को भी अपशगुन माना गया है।
5.कंगन का गुम होना भी अपशगुन ही होता है। इससे मान-सम्मान में कमी आती है।
शरीर पर स्वर्ण तथा मणियुक्त आभूषण धारण करना अकाल मृत्यु से छुटकारा दिलाता है।