सनातन धर्म में देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उनकों विभिन्न वसतुएं अर्पित की जाती है। इसी तरह भगवान को कुछ वनस्पतियों के पत्ते भी और पुष्प भी अर्पित किए जाते है।
Shami Ke Upay : सनातन धर्म में देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उनकों विभिन्न वसतुएं अर्पित की जाती है। इसी तरह भगवान को कुछ वनस्पतियों के पत्ते भी और पुष्प भी अर्पित किए जाते है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, शिव जी को शमी की पत्त्यिां अर्पित की जाती है। मान्यता है शमी की पत्त्यिों से भगवान शि प्रसन्न होते है और मनचाहा वरदान देते है। पौराणिक मान्यता यह भी है कि शमी के पेड़ में भगवान शिव का वास होता है। शिव पूजा में शमी की पत्तियों को अर्पित करने से मनचाही सलता प्राप्त होती है। पैसे की तंगी भी दूर हो जाती है।
भगवान को शमी -पत्र अर्पित करते समय निम्नलिखित श्लोक बोला जाता है।
अमंगलानां शमनीम् शमनीम् दुष्कृतानाम् च।
दुःस्वप्न-नाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
1.शमी का पौधा लगाने के लिए वास्तु शास्त्र में दिशा के बारे में बताया गया है।
2.शमी का पौधा कभी भी घर के भीतर नहीं लगाना चाहिए।
3.शमी को हमेशा घर के मुख्य दरवाजे पर लगाएं और ऐसी दिशा में हो जो घर से निकलते हुए आपके दाएं तरफ पड़े।
4.शमी की लकड़ी का उपयोग हवन में भी समिधा की तरह किया जाता है। हवन में डाले जाने वाली लकड़ियों को समिधा कहते हैं।
5.बुधवार के दिन गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से तीक्ष्ण बुद्धि होती है।