भगवान भोलेनाथ को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं में शमी भगवान को बहुत प्रिय है। शास्त्रों में वर्णित है कि शमी के पौधे में भगवान शिव का वास होता है।
Shami plant : भगवान भोलेनाथ को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं में शमी भगवान को बहुत प्रिय है। शास्त्रों में वर्णित है कि शमी के पौधे में भगवान शिव का वास होता है। शमी के पौधे धार्मिक महत्व बहुत है। ग्रह के बुरे प्रकोप से बचने के लिए ज्योतिषाचार्यों द्वारा शमी की पूजा का उपाय बताया जाता है। पौधे को घर में लगाने से न सिर्फ सुख-समृद्धि आती है बल्कि पैसे की तंगी भी दूर हो जाती है। शमी का पौधा लगाने से शनि के प्रकोप से भी बचा जा सकता है। मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से शनि साढ़े साती और ढैय्या के बुरे असर से बचा जा सकता है।
भगवान को शमी -पत्र अर्पित करते समय निम्नलिखित श्लोक बोला जाता है।
अमंगलानां शमनीम् शमनीम् दुष्कृतानाम् च।
दुःस्वप्न-नाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
1.शमी का पौधा लगाने के लिए वास्तु शास्त्र में दिशा के बारे में बताया गया है।
2.शमी का पौधा कभी भी घर के भीतर नहीं लगाना चाहिए।
3.शमी को हमेशा घर के मुख्य दरवाजे पर लगाएं और ऐसी दिशा में हो जो घर से निकलते हुए आपके दाएं तरफ पड़े।
4.शमी की लकड़ी का उपयोग हवन में भी समिधा की तरह किया जाता है। हवन में डाले जाने वाली लकड़ियों को समिधा कहते हैं।
5.आयुर्वेद में भी शमी के वृक्ष का काफी महत्व बताया गया है।
6.बुधवार के दिन गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से तीक्ष्ण बुद्धि होती है।