ग्रह मंडल में न्याय के देवता शनि देव की चाल बदलने वाली है। जातकों के कर्मों हिसाब करने वाले सूर्य पुत्र शनि महाराज 05 जून को कुंभ राशि में शनि वक्री होंगे।
Shani Vakri 2022: ग्रह मंडल में न्याय के देवता शनि देव की चाल बदलने वाली है। जातकों के कर्मों हिसाब करने वाले सूर्य पुत्र शनि महाराज 05 जून को कुंभ राशि में शनि वक्री होंगे। 05 जून दिन रविवार को तड़के 03 बजकर 16 मिनट पर शनि की उल्टी चाल प्रारंभ होगी। इस बार 30 साल के बाद शनि जयंती के दिन शनि ग्रह अपनी ही राशि कुंभ में रहकर दुर्लभ संयोग बना रहे हैं। इसके पहले 29 अप्रैल को शनि का राशि परिवर्तन अपने ही घर मकर से कुंभ राशि में हुआ था। शनि के वक्री होने का कुछ राशियों पर इनका अनुकूल प्रभाव पड़ता है और कुछ राशियों पर प्रतिकूल पड़ता है। शनि देव 12 जुलाई को मकर राशि में आ जाएंगे। इसके बाद 25 अक्टूबर मार्गी होकर 17 जनवरी को वापस कुंभ राशि। आइये जानते है शनिदेव के वक्री के होने पर जातकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
मेष- शनि देव की वक्री चाल से मेष राशि के जातकों परेशानी हो सकती है। आर्थिक हानि हो सकती है। नए कामों में निवेश करने से परहेज करें है। मैरिड लाइफ पर भी वक्री शनि असर डालेंगे। घर में झगड़े हो सकते हैं। तनाव, गलतफहमियां बढ़ेंगी।
कर्क- कर्क राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। दुर्घटना, चोट-चपेट का शिकार हो सकते हैं। आय में कमी आ सकती है। यह समय बनते काम भी बिगड़वा सकता है इसलिए इस दौरान बड़ा फैसला न लेंं। खर्चों पर नियंत्रण रखें।
मकर- मकर राशि वाले शनि की साढ़े साती झेल रहे हैं। ऐसे में शनि का वक्री होना इनके लिए अच्छा नहीं है। करियर पर बुरा असर आ सकता है। कुल मिलाकर यह समय धैर्य और संयम से निकालें।
कुंभ- कुंभ राशि के जातकों के लिए वक्री शनि अच्छा हैं। इन जातकों को यह समय निजी जिंदगी में परेशानी दे सकता है। अपनों से अच्छा व्यवहार करेंं।