महाराष्ट्र का सियासी तापमान बढ़ गया है। परमबीर सिंह के लेटर के बाद भाजपा लगातार राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही है। इसको लेकर आज संसद में भी हंगामा हुआ। भाजपा नेताओं ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। इस बीच एक बार फिर एनसीपी प्रमुख शरद पवार गृहमंत्री अनिल देशमुख के बचाव में आए हैं।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र का सियासी तापमान बढ़ गया है। परमबीर सिंह के लेटर के बाद भाजपा लगातार राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही है। इसको लेकर आज संसद में भी हंगामा हुआ। भाजपा नेताओं ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। इस बीच एक बार फिर एनसीपी प्रमुख शरद पवार गृहमंत्री अनिल देशमुख के बचाव में आए हैं।
उन्होंने प्रेसवार्ता करके कहा कि परमबीर द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। पवार ने कहा कि पहली नजर में मुझे लगा कि आरोप गंभीर है लेकिन बाद में देखा गया कि इन आरोपों में दम नहीं हैं। इसके साथ ही शरद पवार ने कहा कि अनिल देशमुख के इस्तीफे का कोई सवाल नहीं है।
उन्होंने कहा कि इन आरोपों के बाद भी सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। शरद पवार ने कहा कि देशमुख 5 फरवरी से 15 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती थे। इसके बाद 16 से 27 फरवरी के बाद से वह कई दिनों तक होम आईसोलेशन में थे। उन्होंने कहा कि जांच के बारे में सीएम उद्धव ठाकरे को तय करना है। शरद पवार ने कहा कि असली मुद्दों से भटकाने के लिए ये सब किया जा रहा है।