भगवान शिव को समर्पित सावन मास में व्रत उपवास करके भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है। भगवान भोलेनाथ की सेवा पूजा के लिए उनको उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाता है।
Shiv Puja Sawan 2022 : भगवान शिव को समर्पित सावन मास में व्रत उपवास करके भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है। भगवान भोलेनाथ की सेवा पूजा के लिए उनको उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाता है। इसी प्रकार भगवान सेवा पूजा करने वाले भक्तों को कुछ वर्जित वस्तुओं का सेवन इस मास में नहीं करना चाहिए। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि सावन मास में तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
श्रावण या सावन का शुभ महीना इस साल 14 जुलाई से शुरू हो रहा है। अविवाहित युवतियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए इस मास में पड़ने वाले सोमवार का व्रत रखती है। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव प्रसन्न होकर व्रत रखने वाली युवतियों को मनचाहे जीवनसाथी पाने का वरदान देते है। व्रती या भक्त के पास सावन महीने के 4-5 सोमवार या सोमवार के दौरान उपवास करने या 16 सोमवार या सोमवार तक उपवास की अवधि बढ़ाने का विकल्प होता है। कई विवाहित महिलाएं वैवाहिक सुख के लिए 16 सोमवार का व्रत रखती हैं।
1.सावन के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
2.व्रत रखने वाले लोगों को लहसुन, प्याज, मसूर की दाल और बैंगन से परहेज करना चाहिए क्योंकि इन्हें तामसिक भोजन माना जाता है।
3.सावन के महीने में हिंदुओं को मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए और शराब से दूर रहना चाहिए।