मेरे पास सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही है, जो सुरक्षा दी गई थी, वाई श्रेणी की दी गई थी, उसके लिए मैने लिख कर मांगा था, क्यों दी है, पूरी तरह से दीजिए वाई के अलावा मेने कुछ और कहा था. खेर वो तो पुरानी बात है कहा ये जा रहा है की बिहार में जंगलराज है और जंगलराज में अकेले जाना खतरे से खाली नही है.
मुरादाबाद :- सपा के पूर्व केबिनेट मंत्री आजम खान ने बिहार चुनाव में प्रचार के लिए जाने पर कहां कि कुछ लोगों का कहना हैं कि बिहार में जंगल राज हैं. मेरे पास कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं हैं. आपके माध्यम से मेरी बात पहुंचेगी में तो यही कहूंगा कि किसी के धोखे में मत आना ये देखो फायदा बटने में है या एक साथ रहने में है. हमारे लिए पीएम ,सीएम, डीएम के पद का कोई ईशु नही है. हमारे राष्ट्रपति भी रहे है लेकिन बस हम चाहते ये है कि पहले हमारा मुल्क बचे ओहदे तो बाद कि चीज है.
मुरादाबाद एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने पहुँचे सपा नेता आज़म खान ने बिहार चुनाव प्रचार में न जाने के सवाल पर कहा कि वहां जाने के लिए मेरे पास सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही है, जो सुरक्षा दी गई थी, वाई श्रेणी की दी गई थी, उसके लिए मैने लिख कर मांगा था, क्यों दी है, पूरी तरह से दीजिए वाई के अलावा मेने कुछ और कहा था. खेर वो तो पुरानी बात है कहा ये जा रहा है की बिहार में जंगलराज है और जंगलराज में अकेले जाना खतरे से खाली नही है. उम्मीद ये करता हूँ कि वहां का जंगलराज जल्द खत्म होगा और उससे जरूरी ये है कि आपके माध्यम से भी मेरी बात पहुँचेगी जैसे मेरे पहुचने पर होती. कमजोरों और अकलियतों का वोट बटना नही चाहिए में बिहार के लोगों से यही कहना चाहता हूं कि अगर हमारे जिस्म को तकसीम करना चाहते हो जो कभी जुड़ ही न सके तो तुम भी तकसीम हो जाना वरना एक साथ रहना और डिमॉक्रेसी को बचा कर रखना जज्बाती नारों पर मत जाना. किसी के धोखे में मत आना ये देखो फायदा बटने में है या एक साथ रहने में है. वही पीडीए में एम की बात उठाने वाले ओवैसी के सवाल पर बोले अब ये उनका कहना है उनसे पूछिये जो मेरा कहना है मेने बता दिया.
बिहार में मुस्लिम डिप्टी सीएम कोई ईशु नहीं हैं :-
वही बिहार में मुस्लिम को डिप्टी सीएम नही बनाने पर बोले हमारे सामने पीएम ,सीएम डीएम ये कोई ईशु नही है. हमारे राष्ट्रपति भी रहे है लेकिन बस हम चाहते ये है कि पहले हमारा मुल्क बचे ओहदे तो बाद कि चीज है. इंसानियत बचे हवानीयत का खात्मा हो जुर्म और बरबरियत जाती रहे इंसानियत का बोलबाला हो कानून के नाम पर धोखा फरेब न हो हम ये चाहते है.
सुशील कुमार सिंह
मुरादाबाद