Sonam Wangchuk case: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने अपने पति की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था और राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेह में हुई हिंसा के बाद वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें चार लोग मारे गए थे और 80 अन्य घायल हुए थे।
Sonam Wangchuk case: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने अपने पति की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था और राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेह में हुई हिंसा के बाद वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें चार लोग मारे गए थे और 80 अन्य घायल हुए थे।
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने अपनी याचिका में वांगचुक के खिलाफ एनएसए लगाने के फैसले पर भी सवाल उठाया है। एक्स पर अपनी याचिका का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए, अंगमो ने बताया कि उन्हें अभी भी वांगचुक के स्वास्थ्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘मैंने सोनम वांगचुक की नज़रबंदी के ख़िलाफ़ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के ज़रिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय से राहत मांगी है। आज एक हफ़्ता हो गया है। अभी भी मुझे सोनम वांगचुक के स्वास्थ्य, उनकी हालत और नज़रबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’
I have sought relief from the SUPREME COURT OF INDIA through a HABEAS CORPUS petition against @Wangchuk66’s detention.
It is one week today. Still I have no information about Sonam Wangchuk’s health, the condition he is in nor the grounds of detention. pic.twitter.com/P4EPzO630A— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 3, 2025
गीतांजलि अंगमो ने वांगचुक पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के संपर्क में होने के आरोपों का खंडन किया है और लद्दाख पुलिस पर एक “एजेंडे” के तहत काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया, “डीजीपी जो कुछ भी कह रहे हैं, उसके पीछे एक एजेंडा है। वे किसी भी हालत में छठी अनुसूची को लागू नहीं करना चाहते और किसी को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।” बुधवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर को पत्र लिखा, जिसकी एक प्रति उन्होंने एक्स पर शेयर की थी।