साउथ के स्टार सरथ बाबू की इन दिनों काफी तबियत ख़राब चल रही हैं। आपको बता दें की सरथ बाबू सेप्सिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं और इसलिए उन्हें 20 अप्रैल को बेंगलुरु से हैदराबाद लाया गया था और उनकी हालत देखते हुए उन्हें रविवार को गाची बोवली के एआईजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बता दें सरथ बाबू का मल्टी ऑर्गेन डैमेज के लिए इलाज हो रहा है। वो इन दिनों वेंटिलेटर पर हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
साउथ के स्टार सरथ बाबू की इन दिनों काफी तबियत ख़राब चल रही हैं। आपको बता दें की सरथ बाबू सेप्सिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं और इसलिए उन्हें 20 अप्रैल को बेंगलुरु से हैदराबाद लाया गया था और उनकी हालत देखते हुए उन्हें रविवार को गाची बोवली के एआईजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बता दें सरथ बाबू का मल्टी ऑर्गेन डैमेज के लिए इलाज हो रहा है। वो इन दिनों वेंटिलेटर पर हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं।
आपको बता दें की सेप्सिस बीमारी क्या होती है इस बीमारी में किडनी, फेफड़े, लिवर और अन्य अंगों के फंक्शन पर बहुत ही गंभीर प्रभाव पड़ता है इसमे इंफेक्शन होने पर इम्यून सिस्टम पर रिएक्शन होता है और इसे ब्लड पॉइजनिंग भी कहते हैं। अगर टाइम पर इस बीमारी का इलाज नहीं होता है तो सेप्सिस मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह भी बन सकती है।
सत्यम बाबू दीक्षितुलु (जन्म 31 जुलाई 1951), जिन्हें उनके मंच नाम सरथ बाबू के नाम से जाना जाता है , एक भारतीय अभिनेता हैं जो मुख्य रूप से तमिल और तेलुगु सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं । उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। वह तेलुगु , तमिल , कन्नड़ और कुछ मलयालम और हिंदी में दिखाई दिए हैं । उन्होंने 1973 में एक तेलुगु फिल्म के माध्यम से फिल्म उद्योग में प्रवेश किया और बाद में, के. बालाचंदर द्वारा निर्देशित तमिल फिल्म निझाल निजामगिराधु (1978) के माध्यम से लोकप्रिय हुए । उन्हें आठ राज्य नंदी पुरस्कार भी मिले हैं । 2017 में फिल्म मलायन के लिए सर्वश्रेष्ठ चरित्र कलाकार (पुरुष) के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार भी मिला।