नव वर्ष के पहले दिन फैजाबाद के सपा सांसद अवधेश प्रसाद (SP MP Avdhesh Prasad) माता विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini) के धाम में पहुंचे। दर्शन के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भाजपा पर मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया है। कहा कि भाजपा को मैंने धूल नहीं चटाया।
मिर्जापुर: नव वर्ष के पहले दिन फैजाबाद के सपा सांसद अवधेश प्रसाद (SP MP Avdhesh Prasad) माता विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini) के धाम में पहुंचे। दर्शन के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भाजपा पर मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया है। कहा कि भाजपा को मैंने धूल नहीं चटाया। फैजाबाद की देव तुल्य जनता, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, वीर हनुमान, सरयू नदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (National President Akhilesh Yadav) की कृपा से उन्हें जीत मिली है। वह भाग्यशाली हैं की नव वर्ष के प्रथम दिन माता विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini) के चरणों में आशीर्वाद का मौका मिला है।
अवधेश प्रसाद ने जमकर साधा भाजपा पर निशाना
उन्होंने कहा कि देश में लोग स्वस्थ रहें, भाईचारा बना रहे, देश के करोड़ों नौजवान बेरोजगार हैं, सरकारी नौकरी नहीं है, किसान, युवा परेशान है। उन्होंने आगे कहा कि देश में ऐसा माहौल बने की संपूर्ण जनता सुख और सुकून में रहे थे, आपस में भाईचारा हो , सभी खुशहाल रहे। फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली जीत पर उन्होंने कहा कि यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम (Maryada Purushottam Lord Ram) की धरती है। प्रभु श्रीराम के लोगों ने प्रभु श्री राम की कृपा, हनुमान जी की कृपा, सरयू की कृपा और राष्ट्रीय अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (National President Akhilesh Yadav) कृपा से सामान्य सीट से सांसद बनने का मौका मिला है । जो देश दुनिया में चर्चा का विषय बना है ।
उन्होंने आगे कहा कि मैं आज माता विंध्यवासिनी (Maa Vindhyavasini) से प्रार्थना किया है कि देश में शांति बनी रहे । फैजाबाद के लोगों की उम्मीद की मर्यादा बचा सकू, जिसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तोड़ा है । कितने लोगों का घर उजाड़ दिया, कितने लोगों को बेघर कर दिया, करोड़ों की संपत्ति कौड़ी के भाव लिया गया। किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल सके और उजड़े लोगों को बसा सकू। इस कामना के साथ विंध्याचल धाम आया था। उन्होंने कहा कि फैजाबाद में प्रभु श्रीराम की मर्यादा है जिसमें “दैहिक दैविक भौतिक तापा, रामराज कहूं नहीं व्यापा” और सर्वे संत निरामया की बात है।