जीवन शैली को लेकर प्राचीन धर्म शास्त्रों बहुत ही उपयोगी बातें बतायी गई है। जीवन जीने के हर पहलू पर शास्त्रों में करने योग्य बातें बतायी है। दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं और रसोई निर्मित होने वाले भोज्य पदार्थ के लिए शास्त्रों में नियम बताये गए है। आचार और व्यवहार को लेकर कारण सहित नियम बताए गए है।
special knowledge : जीवन शैली को लेकर प्राचीन धर्म शास्त्रों बहुत ही उपयोगी बातें बतायी गई है। जीवन जीने के हर पहलू पर शास्त्रों में करने योग्य बातें बतायी है। दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं और रसोई निर्मित होने वाले भोज्य पदार्थ के लिए शास्त्रों में नियम बताये गए है। आचार और व्यवहार को लेकर कारण सहित नियम बताए गए है। आइये जानते है कुछ विशेष ज्ञानवर्धक बातों के बारे में जिसका वास्ता हम सब लोगों से प्रतिदिन पड़ता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि नमक, घी, तेल, चावल और अन्य खाद्य पदार्थ हाथ से न परोसें, चम्मच का उपयोग करें। सीधे हाथ से परोसने से ये पदार्थ दूषित हो जाते हैं और इनमें हानिकारक जीवाणुओं के मिल जाने का खतरा होता है। स्वच्छता के बारे प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वज सजग रहे है। स्वच्छता से मानव को जीवन जीने में सरलता होती है। लेकिन हमारे पूर्वजों ने इस वैदिक ज्ञान को धर्म के रूप स्थापित किया, सदाचार के रूप में अनुसरण करने को कहा। इसी तरह कहा गया है कि बिना समुचित कारण के अपनें हाथ से अपनी इंद्रियों, अर्थात आंख, नाक, कान आदि, को नहीं छूना चाहिए। मार्कण्डेय पुराण में बताया गया है कि हमें एक बार पहनें कपड़े को दोबारा बिना धोये न पहनें।