श्रीलंका पिछले कुछ महीनों से अस्त व्यस्त है। दुनिया भर में देश के ताजा हालात के बारे में चर्चा हो रही है। देश की आर्थिक कमर टूट गई है। बिजली ,कोयला, पेट्रोल, डीजल की भारी किल्लत से जूझते श्रीलंका में राजनीतिक संकट गहरा गया है।
Sri lanka Jems : श्रीलंका पिछले कुछ महीनों से अस्त व्यस्त है। दुनिया भर में देश के ताजा हालात के बारे में चर्चा हो रही है। देश की आर्थिक कमर टूट गई है। बिजली ,कोयला, पेट्रोल, डीजल की भारी किल्लत से जूझते श्रीलंका में राजनीतिक संकट गहरा गया है। आर्थिक तौर पर संकट ग्रस्त देश में एक शहर ऐसा भी जिसे रत्नों की राजधानी कहा जाता है। प्राकृतिक सुंदरता, प्राकृतिक संसाधनों से लकदक श्रीलंका दुनिया भर में पन्ना, नीलम और अन्य बेशकीमती रत्नों का प्रमुख निर्यातक है। रत्नपुरा को श्रीलंका की रत्न राजधानी के तौर पर जाना जाता है और सिंहली भाषा में इसका अर्थ होता है- रत्नों का शहर।
अतीत में भी इस शहर से कई कीमती रत्न मिले हैं। दुनिया का सबसे बड़ा नीलम श्रीलंका के एक आँगन में मिला है। इस नीलम का वजन 510 किलोग्राम है। इसे सेरेंडिपिटी सफ़ायर नाम दिया गया ।श्रीलंका का मूंगा और नीलम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसके अलावा वहां का पीला नीलम, नीला नीलम, माणिक्य हमेशा एडवांस बुकिंग में ही मिलता था। रत्न का सबसे बड़ा आयात श्रीलंका से होता है। पुखराज, मूंगा, माणिक्य और पन्ना की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पड़ोसी देश में उपजे संकट के हालात की वजह से श्रीलंका से रत्नों के आयात में आई गिरावट का सबसे अधिक असर भारत के रत्न बाजार में पड़ा है।
श्रीलंका रत्न और खनिजों का बड़ा उत्पादक है। बता दें कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में इन कीमती खनिजों का काफी योगदान होता है। श्रीलंका के रत्न खनन केंद्र बडुल्ला, रत्नापुरा और मोनारागला हैं, जहां इन दिनों स्थिति ठीक नहीं हैं।