श्रीलंका सरकार में दो फ्रंट-लाइन मंत्रियों को पार्टी अनुशासन तोड़ने के लिए श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) ने निलंबित कर दिया है। पार्टी महासचिव दयासिरी जयशेखर ने कहा कि जब तक वे स्पष्टीकरण नहीं देते, उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
नई दिल्ली। श्रीलंका सरकार में दो फ्रंट-लाइन मंत्रियों को पार्टी अनुशासन तोड़ने के लिए श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP) ने निलंबित कर दिया है। पार्टी महासचिव दयासिरी जयशेखर (Party General Secretary Dayasiri Jayasekhar) ने कहा कि जब तक वे स्पष्टीकरण नहीं देते, उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा उड्डयन मंत्री निमल सिरीपाला डी सिल्वा (Aviation Minister Nimal Siripala de Silva) और कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा (Agriculture Minister Mahinda Amarweera) के साथ राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (President Ranil Wickremesinghe) की सरकार में तीन अन्य कनिष्ठ मंत्रियों को एसएलएफपी (SLFP) की केंद्रीय समिति ने कल रात बैठक कर बर्खास्त कर दिया है। इन सभी पर पार्टी अनुशासन तोड़ने का आरोप लगा है। निलंबन बजट 2023 के संसदीय अनुमोदन वोट से पहले आया है। हालांकि, पार्टी के निलंबन का मतलब यह नहीं है कि दो मंत्रियों को विक्रमसिंघे के मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है।
विक्रमसिंघे ने सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए कर सुधारों का दिया प्रस्ताव
विक्रमसिंघे जो वित्त मंत्री भी हैं, ने द्वीप राष्ट्र में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण मौजूदा आर्थिक संकट को दूर करने के अपने उपायों के तहत सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए कर सुधारों का प्रस्ताव दिया है। आर्थिक संकट के कारण देश भर में व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) को इस्तीफा देना पड़ा था।
विक्रमसिंघे के सांसदों में नाराजगी
विक्रमसिंघे, जिन्होंने संकट के बीच में सत्ता संभाली थी, ने देश को विकास की पटरी पर वापस लाने के लिए आर्थिक सुधारों का वादा किया था। राज्य के कुछ व्यापारिक उपक्रमों के निजीकरण के उनके प्रस्तावों ने सांसदों के बीच नाराजगी पैदा कर दी है। सांसदों ने आरोप लगाया है कि विक्रमसिंघे ने श्रीलंका टेलीकॉम को भी निशाना बनाया था जो मुनाफा कमा रही थी।