चंदौली: खबर उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से है, यहां स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को अव्यवस्था का बोलबाला रहा। दरअसल, शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। ओपीडी में आने को स्ट्रेचर तक नहीं मिला। परेशान परिजन महिलाओं को गोद में लेकर आपरेशन थिएटर तक गए। तो वहीं, बेड न होने पर उन्हें खुले आसमान के नीचे चारपाई पर लेटा दिया गया। हालांकि, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीएम ने इस मामले पर स्पष्टीकरण दिया है। साथ ही वीडियो को प्रायोजित बताते हुए वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।
जानकारी के मुताबिक, शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में 70 महिलाओं ने पंजीकरण कराया था। तो वहीं, अब सोशल मीडिया पर शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एक वीडियो वायरल हो रही है। वायरल वीडियो में ऑपरेशन के बाद महिलाओं को खुले आसमान के नीचे चारपाई और चबूतरे पर लेटा दिया गया। यही नहीं, मरीजों के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने दवा बाहर से लिख रहे हैं।
दरअसल, नसबंदी ऑरेशन के बाद महिलाओं को चार घंटे का स्टे दिया जाता है। लेकिन वायरल वीडियो के मुताबिक, स्वास्थ्य केंद्र में कोई व्यवस्था नहीं थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्था का बोलबाला रहा। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच महिलाओं को ऑपरेशन के बाद खुले आसमान के नीचे चारपाई पर लेटा दिया गया। तो कुछ महिलाओं को बेड न होने पर चबूतरे पर ही लेटना पड़ा। जब सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हुए तो जिला प्रशासन की किरकिरी होने लगी।
वहीं, इस मामले में सीएमओ डॉ आरके मिश्रा ने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं था। वह मौके पर खुद गए थे और वहां सारी व्यवस्था थी। तो वहीं, दूसरी तरफ चंदौली के डीएम संजीव सिंह ने भी वायल वीडियो पर स्पष्टीकरण दिया है। डीएम ने कहा कि शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 70 महिलाओं के ऑपरेशन किए जाने थे, जो पूर्व में तय था। महिलाओं को एंबुलेंस से लाया गया। कहा कि सभी महिलाओं के ऑरेशन सफल रहे है।
डीएम ने बताया कि ऑपरेशन के बाद चार घंटे का महिलाओं के स्टे करना होता है, जिसके लिए पीएचसी में बेड की उपलब्धता भी प्राप्त रही। चूकि रुम कम थे तो ब्लॉक परिषद के हॉल में महिलाओं के स्टे की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही टेंट की व्यवस्था की गई थी। बताया कि जगह कम होने की वजह से कुछ बेड बाहर लगाए गए थे, जिसमें महिलाओं को कम्बल दिया गया था। कहा कि दवाइयां बाहर से लिखने का मामला संज्ञान में आया था। लेकिन जांच के बाद पता चला कि वहां सभी दवाइयां उपलब्ध थी और मरीजों को दी भी गई थी। डीएम कहा कि वायरल वीडियो में जिन लोगों ने आरोप लगाए है और वीडियो को वायरल किया है उसकी भी जांच करवाई जा रही है। अगर ये कोई प्रायोजित वीडियो सिद्ध होता है तो दोषियों के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।