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कथा वाचक धीरेंद्र ने चंद्रमा बताया का धर्म, बोला- 33 कोटि देवी-देवता हैं तो चांद मियां को पूजने की क्या जरूरत?

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। गुरुवार को कथा वाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जब सनातनियों के पास पूजा करने के लिए 33 कोटि देवी-देवता है। तो चांद मियां को पूजने की जरूरत क्या है। विश्व में सबसे ज्यादा पूज्य भगवान राम हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

मध्यप्रदेश। बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) एक बार फिर विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। गुरुवार को कथा वाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जब सनातनियों के पास पूजा करने के लिए 33 कोटि देवी-देवता है। तो चांद मियां को पूजने की जरूरत क्या है। विश्व में सबसे ज्यादा पूज्य भगवान राम हैं। वे विश्व के पिता हैं। जो उनका नहीं, वह किसी का नहीं। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज (Jagadguru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) के मंदिरों में सांई प्रतिमा का विरोध किया है। शंकराचार्य जी सनातन धर्म के सर्वोच्च पद पर हैं। हमें उनकी आज्ञा मानना चाहिए।

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राजनेताओं पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri)  ने कहा कि पूर्व में भी कई जातियां थीं, लेकिन जातिवाद नहीं था। कृष्ण जी यादव थे। भगवान श्रीराम क्षत्रिय थे, लेकिन सब उन्हें पूजते हैं। वाल्मीकि, रैदास जी को पूजा जाता है। आज सिर्फ जातिवाद है, जो राजनेताओं ने फैलाया है। पं. शास्त्री ने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं। जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं। सभी संतों को एकजुट होना पड़ेगा। ऐसा नहीं करेंगे, तो सनातन धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा।

वहीं परिवार में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham)  की गद्दी को लेकर चल रहे विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि देवेंद्र जी हमारे बड़े भाई हैं। हम लोगों में कोई मतभेद नहीं है। सिर्फ वैचारिक मतभेद था। हमें सिर्फ सेवा करना है। घर-घर राम जी को पहुंचाना है। हमारी किसी से कोई बुराई नहीं है।

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