लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में छात्रसंघ चुनाव वर्ष 2006 में हुआ था। इसके बाद आज तक चुनाव नहीं हुआ, लेकिन स्टूडेंट यूनियन (Student Union) के नाम पर प्रति छात्र 200 रुपये की अवैध वसूल कर लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन (Lucknow University Administration) अपनी झोली भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में छात्रसंघ चुनाव वर्ष 2006 में हुआ था। इसके बाद आज तक चुनाव नहीं हुआ, लेकिन स्टूडेंट यूनियन फीस (Student Union Fee) के नाम पर प्रति छात्र 200 रुपये की अवैध वसूली कर लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन (Lucknow University Administration) अपनी झोली भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। यह खुलासा एनएसयूआई यूपी सेंट्रल (NSUI UP Central) के प्रदेश महासचिव व छात्र-नेता लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र-नेता (Student Leader) आर्यन मिश्रा ने अपने एक्स प्रोफाइल पर एक स्टूडेंट की फीस रसीद शेयर कर किया है।
लखनऊ विवि में विगत कई वर्षों से छात्र-संघ चुनाव नहीं हो रहा है हम लोगो के संघर्ष के बाद प्रशासन ने पैसा लेना बंद कर दिया था लेकिन प्रशासन द्वारा पुनः इसका पैसा लिया जा रहा ?? प्रतेक छात्र से 200 रुपए लेना क्या यह उचित है ? इसका पैसा कहा गया ? @anandibenpatel @profalokkumar pic.twitter.com/qI2JYqyGym
— Aryan Mishra INDIAN (@aryanmishra888) September 26, 2023
छात्र संघ चुनाव न होने के कारण 2019-20 के बाद छात्र संगठनों की मांग पर स्टूडेंट यूनियन फीस (Student Union Fees) लेना बन्द कर दिया गया था, परंतु विगत वर्ष 2022 मे शोध मे प्रवेश प्राप्त किये छात्रों से पुन: अवैध तरीके से वसूली की जाने लगी है, छात्र संघ चुनाव लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन चाहता नहीं, लेकिन छात्र संघ के नाम पर पैसा चाहिए।
लखनऊ विश्वविद्यालय में वर्ष 2006 से नहीं हुआ छात्र संघ चुनाव, फिर भी लविवि प्रशासनप्रति छात्र 200 रुपये की अवैध वसूली कर रहा है। इसके विरोध में प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने कुलपति कार्यालय का किया घेराव। pic.twitter.com/PXhVbpiZpb
— santosh singh (@SantoshGaharwar) September 26, 2023
उन्होंने स्टूडेंट की फीस रसीद प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) व लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय को शेयर कर इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है। आर्यन मिश्रा ने लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में विगत कई वर्षों से छात्र-संघ चुनाव (Student Union Elections) नहीं हो रहा है। हम लोगों के संघर्ष के बाद प्रशासन ने पैसा लेना बंद कर दिया था, लेकिन प्रशासन द्वारा पुनः इसका पैसा लिया जा रहा ? प्रत्येक छात्र से 200 रुपए लेना क्या यह उचित है ? इसका पैसा कहां गया ? इसी की भी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।