मिट्टी से बहुत कुछ बन सकता है। बड़ी बड़ी इमारतें और बखरी भी बनती है। इसी बात को साधते हुए छत्तीसगढ़ की बेटी यमुना चक्रधारी ने ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया कि परिस्थितियां विपरीत हो तब भी मिलती है सफलता।
Success Story Yamuna Chakradhari : मिट्टी से बहुत कुछ बन सकता है। बड़ी बड़ी इमारतें और बखरी भी बनती है। इसी बात को साधते हुए छत्तीसगढ़ की बेटी यमुना चक्रधारी ने ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया कि परिस्थितियां विपरीत हो तब भी मिलती है सफलता। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यमुना छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम डूमरडीह की रहने वाली है। उनके माता-पिता ईंट बनाने का काम करते हैं। मां कुसम और पिता बैजनाथ ने विपरीत परिस्थितियों में गुजर बसर करने के बाद भी बेटी यमुना को डॉक्टर बनााने का एक सपना देखा।
यमुना ने भी मां और पिता के आंखों में सजते सपने को पढ़ा। फिर क्या कड़ी मेहनत के साथ यमुना ने वो कर दिखाया जो सबके लिए प्रेरणा बन गई। मां-बाप के पक्के इरादों को पूरा करने का जुनून रखने वाली यमुना चक्रधारी ने 12वीं कक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद लगातार चौथी प्रयास में नीट की परीक्षा को पास किया। यमुना भी उनके काम में हाथ बंटाती हैं। वह दिन में 6 घंटे ईंट बनाने का काम करती थीं। वहीं बचे हुए समय में और रात में परीक्षा की तैयारी करती थीं। 6 से 7 घंटे के काम के बाद पढ़ाई के लिए भी समय निकाला जाता था।
सेल्फ स्टडी के भरोसे ही चार बार के बाद आखिरकार कामयाबी हासिल हुई है। अब वह एमबीबीएस पूरा करने के बाद एमडी या एमएस के लिए ट्राई करना यमुना का अगला लक्ष्य होगा। यमुना (Yamun Chakradhari crack NEET exam 2023) की बड़ी बहन युक्ति भी होनहार है। वह भी विश्विद्यालय की दूसरे नंबर की टॉपर रही है। यमुना का लक्ष्य है कि डॉक्टर बनने के बाद वह गरीबों का इलाज कर सकें।