लखनऊ। विश्व कल्याण के लिए प्राणिमात्र को सनातन की तरफ लौटना ही पड़ेगा और इसके लिए पौराणिक और वैज्ञानिक मान्यताओं पर आधारित पिंगल नवसंवत्सर निश्चित ही एक संकल्प के तौर पर आज के परिवेश में प्रदर्शित हो रहा है। चूँकि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के 84वें वंशज सम्राट विक्रमादित्य के द्वारा