Peepal Ka Ped : पीपल एक दैवीय वृक्ष है। पीपल के बारे में कहा जाता, पीपर पात सरिस मन डोला, इसका अर्थ है, मन पीपल के पत्ते की तरह है, जो ज़रा सी हवा में भी हिलने लगता है। पीपल के पेड़ को वासुदेव भी कहते है। पीपल पेड़ में
Peepal Ka Ped : पीपल एक दैवीय वृक्ष है। पीपल के बारे में कहा जाता, पीपर पात सरिस मन डोला, इसका अर्थ है, मन पीपल के पत्ते की तरह है, जो ज़रा सी हवा में भी हिलने लगता है। पीपल के पेड़ को वासुदेव भी कहते है। पीपल पेड़ में
Shamee Ke Patte : शमी में शिव भगवान का निवास होता है। भगवान शिव बहुत दयालु और कृपालु है। वे अपने भक्तों की दुख शीघ्र ही दूर करते है। शमी के पत्ते को शिव पूजा में पवित्र शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है। शमी के पत्ते को शिव पूजा की
Guru Pradosh Vrat 2022 : भगवान भोलेनाथ को समर्पित प्रदोष व्रत मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार,भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते है। प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस बार वैशाख माह में पड़ने
Rudraksha niyam : सनातन धर्म में प्रकृति से जुड़ी विविधताओं को बहुत ही सहेज कर रखा गया है। हिमालय पर मिलने वाले फल रुद्राक्ष का विशेष धार्मिक महत्व है। मन शांत रखने के लिए रुद्राक्ष कई लोग धारण करते हैं।रुद्राक्ष असल में एक फल है। पौराणिक कथा के अनुसार,जब कठोर
Amarnath Yatra 2022 : अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।
Hanuman Jayanti 2022 : हनुमान जी की सेवा पूजा उनके भक्त बहुत उत्सापूर्व करते है। राम भक्त हनुमान शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता है। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस साल 16 अप्रैल को हनुमान जयंती का पावन पर्व मनाया
Kedarnath Temple kapaat : हिुदू धर्म चार भगवान शिव की आराधना का विशेष फल है। शिव भक्त शिव के प्राचीन मंदिरों में जा कर दर्शन पूजन करते है। हिमालय की तलहटी उत्तराखंड में बसा केदारनाथ धाम शिव भक्तों के आस्था का प्रमुख केंद्र है। भारी हिमपात होने की वजह से
Mahashivratri 2022: शिव भक्त महाशिवरात्रि पर्व पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ मनाते हैं। कुछ ही घंटे बाद महाशिवरात्रि का पावन त्योहार शुरू होने में बचे हैं। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) लिंग रूप में प्रकट हुए थे। इसके साथ ही इसी दिन भगवान
Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के लिए उनकी प्रिय वस्तुएं उनको अर्पित की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि कल यानी 01 मार्च दिन मंगलवार को है। भगवान शिव की
Mahashivratri 2022 : हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि कल यानी 01 मार्च दिन मंगलवार को है। चतुर्दशी तिथि मंगलवार की सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 02 मार्च, बुधवार को सुबह
Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि का पर्व देश में धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस
Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि का पावन पर्व 01 मार्च 2022 को है। इस महा पर्व का इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री इंतजार रहता है। शिव भक्तों के द्वारा शिवरात्रि के पवित्र दिन शिवालयों पर भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। पूजा के समय भगवान शिव को बेलपत्र अवश्य ही
Maha Shivratri 2022: भगवान शिव की आराधना का विशेष पर्व महाशिवरात्रि है। भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है। शिव भक्तों में भगवान शिव को सरल ,निर्मल और दयावान कहा जाता है। भगवान शिव के बारे में मान्यता है कि वे भक्तों की पुकार को जल्द ही सुनते है।
महाशिवरात्रि हिन्दू के लिए बड़ा ही पावन पर्व होता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन उत्सव को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाते हैं। जो व्यक्ति एस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करता है।
Magh Pradosh Vrat 2022 : व्रतों में श्रेष्ठ माघ प्रदोष व्रत का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। प्रदोष व्रत के बारे में धर्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से शिव भगवान की कृपा प्राप्त होती। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का पालन भक्त गण निराहार और