नई दिल्ली। मंदिर के पुजारी की नियुक्ति के लिए किसी विशेष जाति या वंश से होना आवश्यक नहीं है। यह अहम फैसला केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने सुनाया है। हाईकोर्ट ने साफ किया कि ऐसी शर्त को किसी ‘मौलिक धार्मिक प्रथा’ (Fundamental Religious Practice) के रूप में नहीं देखा
