भारत में शहरी नियोजन का इतिहास बहुत गहरा है, जो वेद काल से शुरू होता है, जब नगरों और गांवों की नियोजन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाता था। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में एक व्यवस्थित लेआउट का महत्व बताया गया है, जिसमें पर्यावरण संतुलन, स्थान का उपयोग, और समुदाय की