नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली में बीते 16 फरवरी को ग्लेशियर फटने फटने से एक बड़ी आपदा का सामना करना पड़ा। आपको बता दें, 16 फरवरी उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 14,000 फीट पर बनी झील से तात्कालिक संकट नहीं होने के उपरांत राज्य आपदा प्रतिवादन बल के जवान ऋषिगंगा नदी के जलप्रवाह पर निगाह बनाए हुए है।
जंहा इस बात का पता चला है कि कुछ दिन पहले उपग्रह की फोटोज से पुष्टि की जा चुकी थी कि ऋषिगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में एक झील बन रही है। उसके तत्काल उपरांत SDRF की एक टीम वहां सर्वेंक्षण करने गई जहां उसने पाया कि झील से जलरिसाव हो कर पानी नदी में जा रहा है जिससे तात्कालिक खतरे की सम्भावना नहीं है।
जंहा इस बात का पता चला है किअभी तक सुरंग के अंदर 161 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है। सुरंग से मलबा निकालने का कार्य अब भी चल रहा है। बैराज साइट पर पंप से पानी निकालने के साथ ही डम्फर से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार विगत 7 फरवरी को आई चमोली आपदा के 13वें दिन आज शुक्रवार को तपोवन सुरंग से मलबा निकालने का कार्य चल ही रहा है। जंहा यह भी कहा जा रहा है कि गुरुवार देर शाम एक शव टीएचडीसी हेलंग से भी बरामद किया गए है। अब तक 62 शव और 27 मानव अंग बरामद हो चुके हैं। 142 अभी भी लापता हैं। इतना ही नहीं अब भी लापता लोगों कि ढूंढने का काम किया जा रहा है।