HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. शिक्षा
  3. Teachers’ Day 2024: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में कुछ रोचक तथ्य

Teachers’ Day 2024: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में कुछ रोचक तथ्य

शिक्षा, जीवन के अंधेरे में प्रकाश का स्रोत बन कर अपनी भूमिका निभाती है। शिक्षा के मर्म को समझते हुए एक गरीब तमिल ब्राह्मण ने शिक्षाविद् से राष्ट्रपति  तक की यात्रा पूरी की।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Teachers’ Day 2024 : शिक्षा, जीवन के अंधेरे में प्रकाश का स्रोत बन कर अपनी भूमिका निभाती है। शिक्षा के मर्म को समझते हुए एक गरीब तमिल ब्राह्मण ने शिक्षाविद् से राष्ट्रपति  तक की यात्रा पूरी की। राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जिनका जन्म जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।उनके पिता और माता सर्वपल्ली वीरस्वामी और सीताम्मा थे। उनकी याद में इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। वह एक प्रख्यात विद्वान, शिक्षक और प्रसिद्ध दार्शनिक थे।

पढ़ें :- 14 September ka Itihas: ये हैं आज के दिन की प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं

जब डॉ. राधाकृष्णन 1962 से 1967 तक राष्ट्रपति रहे, तो उनके छात्रों और मित्रों ने उनसे अनुरोध किया था कि वे उन्हें 5 सितम्बर को अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति दें। जिस पर वे सहमत नहीं हुए लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा सकता है । 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उनका विवाह सिवाकामु से हुआ था और उनके छह बच्चे थे – 5 बेटियाँ और 1 बेटा।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में कुछ रोचक तथ्य 
1- अपने पूरे शैक्षणिक जीवन में डॉ. राधाकृष्णन को पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति मिलती रही। उन्होंने वेल्लोर के वूरहीस कॉलेज और मद्रास के मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में अध्ययन किया। 1906 में उन्होंने दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी की और प्रोफेसर बन गये।

2- भारत की स्वतंत्रता से पहले उन्हें सर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम से संबोधित किया जाता था क्योंकि 1931 में उन्हें नाइट की उपाधि दी गई थी। स्वतंत्रता के बाद वे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम से जाने गये। डॉ. राधाकृष्णन को 1936 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पूर्वी धर्म और नैतिकता के स्पैलडिंग प्रोफेसर के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

3- 1946 में डॉ. राधाकृष्णन संविधान सभा के लिए चुने गए। उन्होंने यूनेस्को और बाद में मॉस्को में राजदूत के रूप में भी काम किया।

पढ़ें :- Hindi Diwas (14 Sitambar Par Vishesh) : हिंदी :  राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा - प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी

४- डॉ. राधाकृष्णन 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति और 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...