The last supermoon of the year will be seen today, know when it will be visible in India
Full Sturgeon Moon: अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वालों के लिए 11 अगस्त को साल का आखिरी सुपरमून दिखाई देने जा रहा है। भारत में भी पूर्णिमा के इस चांद को देखा जा सकेगा, लेकिन यहां 12 अगस्त यानी शुक्रवार को यह सुपरमून दिखाई देगा। जैसे पिछले दो सुपरमून के नाम स्ट्रॉबेरी मून और थंडर मून थे, उसी तरह से इस बार हम ‘फुल स्टर्जन मून’ (Full Sturgeon Moon) को देखेंगे। यह लगातार चार सुपरमून में से चौथा होगा। नासा के अनुसार, स्टर्जन शब्द की उत्पत्ति अमेरिकी जनजाति अल्गोंक्विन (Algonquin) से हुई है। हर साल यह जनजाति इस सीजन में स्टर्जन मछली को पकड़ती है, जिस वजह से इस पूर्णिमा को स्टर्जन मून कहा जा रहा है।
नासा के अनुसार, सुपरमून उस स्थिति को कहा जाता है, जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के सबसे करीब होती है उसी समय चंद्रमा पूर्ण होता है। एक सुपरमून औसत रात की तुलना में 14 से 30 फीसदी ज्यादा चमकदार दिखाई दे सकता है। बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिन इस सुपरमून के दिखाई देने की उम्मीद है।
वैज्ञानिक नजरिए से समझें तो चंद्रमा इस दिन पृथ्वी की कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंच जाएगा। इसकी वजह से वह आम पूर्णिमा के मुकाबले सामान्य से थोड़ा बड़ा दिखाई देगा। यह लगातार दिखाई देने वाले चार सुपरमून में से चौथा होगा। इस दौरान पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी करीब 26 हजार किलोमीटर कम हो जाएगी।
हालांकि स्टर्जन मून की वजह से आकाश में दिखाई देने वाली दूसरी खगोलीय घटनाओं पर असर पड़ेगा। इसी समय में पर्सिड्स (Perseids) उल्का बौछार भी होनी है। इसे साल की सबसे बेहतरीन उल्का बौछारों में से एक माना जा रहा है, लेकिन नासा का कहना है कि सुपरमून की वजह से इसका मजा कम हो जाएगा।
Perseid उल्का बौछार के दौरान आमतौर पर प्रति घंटे 50 से 100 उल्काएं नजर आ सकती हैं ,लेकिन इस बार प्रति घंटे 10 से 20 उल्काओं की बौछार ही दिखाई देगी। बाकी बौछारें चंद्रमा की रोशनी में लगभग गायब हो जाएंगी। इन उल्का बौछारों को आखिरी बार साल 1992 में देखा गया था। इस बार यह 13 अगस्त को अपने पीक पर होंगी, लेकिन तब सुपरमून की रोशनी आकाश में इनकी चमक को कर देगी।