अयोध्या (Ayodhya) में रामलला प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Prana Pratistha) के अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्ययजमान डॉ.अनिल मिश्र (Chief host Dr. Anil Mishra) को बुधवार को काशी के वैद्यिक आचार्य ने दस विधि स्नान कराया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र (Chief host Dr. Anil Mishra) 11 दिनों तक नियम-संयम का पालन करेंगे।
अयोध्या। अयोध्या (Ayodhya) में रामलला प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Prana Pratistha) के अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्ययजमान डॉ.अनिल मिश्र (Chief host Dr. Anil Mishra) को बुधवार को काशी के वैद्यिक आचार्य ने दस विधि स्नान कराया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान डॉ. अनिल मिश्र (Chief host Dr. Anil Mishra) 11 दिनों तक नियम-संयम का पालन करेंगे। वे दस दिनों तक सिला हुआ सूती वस्त्र नहीं पहनेंगे। स्वेटर, ऊनी शॉल, कंबल धारण कर सकेंगे। केवल फलाहार करेंगे। रात्रि आरती के बाद सात्विक भोजन, सेंधा नमक का इस्तेमाल करेंगे। जमीन पर कुश के आसन पर सोएंगे। अन्य कई कठोर नियमों का उन्हें पालन करना होगा। उन्होंने यह नियम-संयम मकर संक्रांति से शुरू भी कर दिया है।
प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य यजमान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले डॉ.अनिल मिश्र (Dr. Anil Mishra) श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के सदस्य हैं। वे 1979 से संघ से जुड़े हुए हैं। मूलरूप से अंबेडकरनगर के ग्राम पतोना निवासी हैं। जौनपुर के पीडी बाजार स्थित जयहिंद इंटर कॉलेज से माध्यमिक स्तर की पढ़ाई की। फिर डॉ. बृजकिशोर होम्योपैथिक कॉलेज (Dr. Brijkishore Homeopathic College) में पढ़ने फैजाबाद आ गए। डॉक्टरी की पढ़ाई में कुछ दिन ही बीते थे कि होम्योपैथी को एलोपैथी के समानांतर प्रतिष्ठा दिलाने का आंदोलन छिड़ गया। अनिल मिश्र भी आंदोलन में कूद पड़े, जिसके चलते उन्हें जेल तक जाना पड़ा।
आज रामलला की मूर्ति परिसर में प्रवेश करेगी और मूर्ति को परिसर का भ्रमण कराया जाएगा। फिर मंदिर परिसर में बने यज्ञ मंडप में अनुष्ठान शुरू होंगे। प्रायश्चित पूजन व कर्मकुटी पूजन के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सात दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार से शुरू हो गया। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के सदस्य डॉ़ अनिल मिश्र को बनाया गया है। मंगलवार को करीब तीन घंटे तक प्रायश्चित पूजा हुई। इसके बाद यजमान को सरयू स्नान कराया गया। मूर्ति निर्माण स्थल की भी पूजा हुई। चयनित मूर्ति का शुद्धीकरण करते हुए उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गई है, यह पट्टी 22 जनवरी को खोली जाएगी।