हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व होता है। इस मास में श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सावन मास में सोमवार के व्रत का भी खास महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय मास होता है।
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व होता है। इस मास में श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सावन मास में सोमवार के व्रत का भी खास महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय मास होता है। शिव पुराण के अनुसार सावन माह में सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं भोलेनाथ करते हैं। सावन के महीने का शिव भक्तों को हमेशा इंतजार रहता है।
सावन के महीने की शुरुआत
25 जुलाई, रविवार के दिन सावन का महीना शुरू हो रहा है। इस दिन सावन के महीने की प्रतिपदा तिथि है। 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है।
सावन महीने के सोमवार
सावन के महीने में सोमवार के दिन का खास महत्व होता है। इस बार सावन के चार सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। सोमवार का पहला व्रत 26 जुलाई को है, जबकि इसका आखिरी सोमवार 16 अगस्त को है। सावन के हर सोमवार में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है।
सूर्योदय से पहले जागें और स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें। शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर महादेव के व्रत का संकल्प लें। सुबह-शाम भगवान शिव की प्रार्थना करें। पूजा के लिए तिल के तेल का दीया जलाए और भगवान शिव को पुष्प अर्पण करें। मंत्रोच्चार करने के बाद शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं। व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ जरूर करें।
शास्त्रों में सावन महीने का महत्व
शास्त्रों में इस माह में भगवान शिव की पूजा और उनका अभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। किसी के जीवन में विवाह संबंधी कोई परेशानी आ रही हो तो सोमवार का व्रत और पूजा करने से लाभ मिलता है। सोमवार की पूजा हरे, लाल, सफेद, केसरिया, पीला या आसमानी रंग का वस्त्र पहन कर करनी चाहिए।