भारत में बहुत से मंदिर और देवस्थान है और हर जगह से कोई न कोई अनोखी और दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है। एक ऐसा ही मंदिर है लुधियाना शहर के तलवाड़ा से करीब 34 किमी की दूरी पर। पौंग डेम झील के बीच यह अद्भुत मंदिर है, जिसे की बाथू का मंदिर कहते हैं। ये साल में सिर्फ 4 महीने मार्च से जून तक ही नजर आता है।
नई दिल्ली: भारत में बहुत से मंदिर और देवस्थान है और हर जगह से कोई न कोई अनोखी और दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है। एक ऐसा ही मंदिर है लुधियाना शहर के तलवाड़ा से करीब 34 किमी की दूरी पर। पौंग डेम झील के बीच यह अद्भुत मंदिर है, जिसे की बाथू का मंदिर कहते हैं। ये साल में सिर्फ 4 महीने मार्च से जून तक ही नजर आता है।
बाकी समय यह मंदिर पानी में डूबा रहता है। अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने भगवान शिव की अर्चना करने के लिए यह मंदिर बनाया था। हर साल इस मंदिर को देखने के लिए 40 हजार से अधिक लोग आते है। बाथू का मंदिर के पानी में डूबे रहने के ये कारण हैं।
इन मंदिरों के बारे में कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडव ने यहां स्वर्ग जाने के लिए सीढ़ी बनवाने की कोशिश की थी। जो सफल नहीं हो सकी। तब वह शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करते थ। अब मंदिर साल में चार महीने ही नजर आता है. जिन दिनों में पानी होता है तो लोग कश्तियों की मदद से मंदिर तक जाते हैं।