पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) के भीतर जारी आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। अब पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी (MP Kalyan Banerjee) ने बिना नाम लिए अपनी सरकार के ही कुछ मंत्रियों को निशाने पर लेते हुए विस्फोटक टिप्पणी की है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) के भीतर जारी आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। अब पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी (MP Kalyan Banerjee) ने बिना नाम लिए अपनी सरकार के ही कुछ मंत्रियों को निशाने पर लेते हुए विस्फोटक टिप्पणी की है।
दीदी के आसपास सही लोग नहीं : कल्याण बनर्जी
अपनी विवादित टिप्पणियों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले श्रीरामपुर से चार बार के लोकसभा सांसद बनर्जी ने कहा कि दीदी (ममता बनर्जी) के इर्द-गिर्द रहने वाले कुछ मंत्रियों का चाल-चलन देखकर अब पार्टी में रहने की इच्छा नहीं होती है। एक बांग्ला चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि दीदी (ममता) हैं, इसलिए हूं, नहीं तो नहीं रहता।
शोभनदेव चट्टोपाध्याय, बोले- हम ही पार्टी छोड़ देंगे
सांसद ने किसी मंत्री का नाम लिए बिना कहा कि इनके बारे में सब जानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आरजी कर कांड के खिलाफ जब राज्य सरकार व पार्टी को निशाना बनाया जा रहा था तो इन मंत्रियों ने एक बार भी मुंह नहीं खोला। दूसरी ओर, पार्टी सांसद की टिप्पणी पर राज्य के वरिष्ठ मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय (Minister Shobhandev Chattopadhyay) ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि मेरे चाल- चलन से किसी को दल में रहने की इच्छा नहीं होती है तो हम ही पार्टी छोड़ देंगे।
तृणमूल विधायक ने भी उठाया था सवाल
बता दें कि इससे पहले मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने भी नवंबर में विस्फोटक बयान दिया था, जिसमें दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) कुछ ऐसे नेताओं से घिरी हुई हैं, जिनकी असली मंशा संदिग्ध है। विधायक ने यह भी कहा कि जो नेता मुख्यमंत्री को भ्रामक जानकारी दे रहे हैं, उन्हें 2026 के बंगाल विधानसभा चुनाव में उचित जवाब मिलेगा। उन्होंने राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को लेकर कई प्रश्न उठाए। साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी (National General Secretary and MP Abhishek Banerjee) को राज्य का गृह मंत्री बनाने की भी मांग की थी। कबीर समय-समय पर विवादित बयान देने के लिए बदनाम रहे हैं। पार्टी विरोधी बयान देने के लिए उनको शोकाज नोटिस तक किया गया था।