दिल्ली भारत की राजधानी व इतिहास और आधुनिकता का केंद्र बना हुआ है। दिल्ली में कई एतिहासिक इमारत भी मौजूद है। लेकिन क्या आप को पता है इन इमारतों के पीछे कितने राज छिपा है। यूं तो कहा जाता है कि यह इमारतें मुग़लों द्वारा बनाई गई हैं। लेकिन उस वक्त में मौजूदा कारीगरों का कहना था कि सारी इमारतें मुगलों ने नहीं बनवायी है। तो चलिए आप को बताते है इसके बारे में...
नई दिल्ली। दिल्ली भारत की राजधानी व इतिहास और आधुनिकता का केंद्र बना हुआ है। दिल्ली में कई एतिहासिक इमारत भी मौजूद है। लेकिन क्या आप को पता है इन इमारतों के पीछे कितने राज छिपा है। यूं तो कहा जाता है कि यह इमारतें मुग़लों द्वारा बनाई गई हैं। लेकिन उस वक्त में मौजूदा कारीगरों का कहना था कि सारी इमारतें मुगलों ने नहीं बनवायी है। तो चलिए आप को बताते है इसके बारे में…
लाल किला
मुगल वास्तुकला द्वारा लाल बलुआ पत्थर से बना सुंदर किला, पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है। यह बहुत-सी अलग-अलग तरह की जगह का संगम है। आपको इसमें संग्रहालय देखने को भी मिलेगा व पारंपरिक हस्तशिल्प और सजावटी सामान, कृत्रिम गहने आदि इसके मीना बाजार में जगमगाते हुए मिलेंगे। कारीगरों ने इतनी महीनता से इसका हर कोना उकेरा है कि तारीफ किए बिना आपसे रहा नहीं जाएगा। वैसे तो कहा जाता है कि इस इमारत का निर्माण मुगलों द्वारा किया गया था लेकिन उस वक्त मौजूदा कारीगरों का कहना है कि यह इमारत राजा अनंग पाल ने बनवाया था।
इंडिया गेट
कहा जाता है कि India gate राष्ट्रपति भवन की सीध में बना हुआ है। India gate प्रथम विश्व युद्ध के शहीदों की याद में बनवाया गया है। अगर आप दिल्ली घूमने के लिए आए है तो इस जगह को भूल नहीं सकते। दिन-रात, आँधी-तूफान, साल के हर एक दिन यहाँ जलती अमर जवान ज्योति उन वीरों की दास्तान बयान करती है। अपने देश प्रेम को थोड़ा जाग्रित करते हुए आप इसकी वीरता के गवाह बन सकते है। आसपास का बगीचा भी व हर वक्त होती चहल-पहल भी आपको अपनी तरफ खिंचेंगी।
क़ुतुब मीनार
कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनवाई गई यह इमारत दिल्ली की ऊँची इमारतों में से एक है। यह इमारत ईरानी वास्तुकला का उदाहरण है जिसे यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया है। यह सबसे नामी दिल्ली पर्यटन स्थल है। इसके पास में ही एक लौह स्तंभ बना है। जिसकी ख़ासियत है कि आज तक इसपर जंग नहीं लगा। आस पास हरियाली व पिकनिक स्थल के तौर पर भी लोग इसे बेहद पसंद करते हैं।
हुमायूँ का मकबरा
इस स्थान को हुमायूँ की पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया था। लाल पत्थर व संगमरमर के संगम से बना यह मकबरा भी मुगल वास्तुकला का प्रशंसनीय उदाहरण है। यहाँ हुमायूँ के साथ ही साथ मुगलों के कुछ खास सदस्यों की समाधि बनाई गई है। ऊँची-ऊँची पथरीली सीढ़ियाँ, बड़े-बड़े कलात्मक दरवाज़े प्राचीनता को बखूबी दर्शाते हैं। चारों तरफ हरी घास ब घने पेड़ों से समाहित चबूतरे घरों याद दिलाते हैं।
अक्षरधाम मंदिर
विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में शामिल यह स्वामीनारायण मंदिर आपको भौचक्का कर देगा। एक बार अंदर घुसने के बाद आप इसके हर एक कोन की तारीफ करते नहीं थकेंगे। यह सबसे मशहूर दिल्ली पर्यटन स्थल है। आप यहाँ आकर बाहरी दुनिया को पूरी तरह कुछ समय के लिए भूल जाऐंगे। ये मंदिर अलग-अलग भागों में बँटा हुआ है जिसमें नौका विहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शाम में समय होता वॉटर शो-ये सभी आपको बेहद आनंद से भर देंगे। अगर आप समय निकालकर आऐंगे तो.यहाँ मौजूदा हर कोने को बखूबी परख पाऐंगे।