भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। और पापों का नाश होता है. अगर आप अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहते हैं। तो गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें। विष्णु जी की पूजा करने से धन के साथ-साथ वैवाहिक जीवन में सुख-शांति भी होती है। जानें गुरुवार के व्रत की विधि और नियम।
गुरुवार के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। वैसे तो हिंदू धर्म में सभी दिनों का अपना महत्व है, लेकिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए गुरुवार के दिन को सबसे शुभ और उत्तम बताया गया है। ऐसी भी मान्यता है कि मां लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की एक साथ पूजा करने से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा। आपके परिवार में सुख, समृद्धि और शांति आएगी। गुरु यानी बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी कहा जाता है। ज्योतिष में गुरु को धन, सुखी पारिवारिक जीवन और संतान का कारक भी माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि अगर कुंडली में गुरु खराब है, तो मनुष्य अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाता। पुराणों में बताया गया है। कि गुररवार के दिन पीली चीजों का दान बहुत शुभ होता है। इस दिन केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करने से गुरु मजबूत होता है और आपको आरोग्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
इस व्रत को लगातार सात गुरुवार करने के बाद विधिवत उद्यापन करने से घर की अशांति और दोषों से मुक्ति मिलती है। गुरुवार के व्रत से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है। गुरुवार के दिन बाल न कटाएं और न ही दाढ़ी बनवाएं. कपड़े और बाल धोना और घर से कबाड़ बाहर निकालना भी इस दिन वर्जित माना गया है । पूजा से एक दिन पहले यानी बुधवार की शाम को ही पूरे घर की साफ-सफाई कर लें. साफ-शुद्ध घर में ही पूजा करनी चाहिए। गुरुवार के दिन व्रत करने वाले के लिए नमक खाना वर्जित है। वह पीले खाद्य पदार्थों से बना आहार ही ले और एक ही वक्त खाना खाये। खाना पकाने में तेल की बजाए गाय के घी का इस्तेमाल बेहतर माना गया है। भगवान को अर्पित किए गए फल खुद न खाकर दान कर दें। मां लक्ष्मी और नारायण की साथ-साथ पूजा करें. केवल विष्णु भगवान की पूजा नहीं की जानी चाहिए, इससे वैवाहिक जीवन में कलह होता है। मान्यता है कि गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करना शुभ होता है. इससे भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं।
गुरुवार को विष्णु भगवान की पूजा विधि
-गुरुवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते हुए ‘ॐ बृ बृहस्पते नमः’ और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करें। साथ ही किसी भी तरह के दोष को दूर करने के लिए पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें और फिर पीले कपड़े पहनें।
-स्नान के बाद भगवान विष्णु की मूर्ती के सामने घी का दीपक जलाएं और पीले रंग के फूलों के साथ भगवान को तुलसी का भोग लगाएं। फिर हल्दी, चंदन या केसर से श्री हरि का अभिषेक करें।
-गुरुवार का व्रत करने वाले व्यक्ति को केले के पौधे की पूजा जरूर करनी चाहिए और सत्यनारायण व्रत की कथा भी जरूर सुननी चाहिए। ऐसा करने से विवाह में आने वाली सभी दिक्कतें समाप्त हो जाती हैं।
-शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु को पीले रंग की चीजें बहुत प्रिय हैं, इसलिए गुरुवार के दिन ब्राह्मणों को पीले रंग की वस्तुएं जैसे- चने की दाल, फल आदि दान करें।
-गुरुवार के दिन किसी को उधार नहीं देना चाहिए और ना ही किसी से उधार लें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी कुंडली में गुरु की स्थिति खराब हो सकती है और आपको आपने माथे पर तिलक लगाएं।