इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो बीते हुए कल से जुड़े कई दर्दनाक किस्से सुनने को मिलते हैं। खासकर भारत के इतिहास को देखा जाए तो कई ऐसे कूर तानाशाह और मुगल शासकों का जिक्र मिलता है जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए बेगुनाहों को सजा के तौर पर मौत दे दी।
नई दिल्ली: इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो बीते हुए कल से जुड़े कई दर्दनाक किस्से सुनने को मिलते हैं। खासकर भारत के इतिहास को देखा जाए तो कई ऐसे कूर तानाशाह और मुगल शासकों का जिक्र मिलता है जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए बेगुनाहों को सजा के तौर पर मौत दे दी।
आपको बता दें, हिंदुस्तान में कई मुगल और मुस्लिम शासकों ने राज किया इतना ही नहीं अपनी बादशाहत को कायम करने के लिए उन्होंने इंसानियत की सारी हदें भी पार कर दी।
इस लेख के जरिए हम आपको इतिहास के एक ऐसे ही क्रूर मुस्लिम शासक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी बादशाहत को कायम करने के लिए करीब 2 करोड़ बेगुनाह लोगों की बलि चढ़ा दी।
चौदहवीं शताब्दी में एक क्रूर और सबसे मजबूत मुस्लिम शासक हुआ, जिसका नाम था तैमूरलंग और उसी ने तैमूरी राजवंश की स्थापना भी की थी। तैमूरलंग का जन्म 1336 में ट्रांसोजियाना में हुआ था जिसे वर्तमान में उजबेकिस्तान के नाम से जाना जाता है। मंगोल शासक तैमूरलंग का राज्य पश्चिमी एशिया से लेकर मध्य एशिया तक फैला हुआ था बावजूद इसके वो सिकंदर की तरह पूरी दुनिया को जीतने की ख्वाहिश रखता था। जिस तरह से मंगोल विजेता चंगेज खां ने मंगोलिया से निकलकर आधे यूरेशिया पर अपना कब्जा किया था ठीक उसी तरह से तैमूरलंग पूरी दुनिया में अपनी बादशाहत कामय करना चाहता था।
बताया जाता है कि तैमूरलंग लंगड़ा था बावजूद इसके उसकी क्रूरता में कोई कमी नहीं थी। उसने ना सिर्फ मंगोल क्षेत्र में बसे लोगों को इस्लाम धर्म कुबूल करने के लिए मजबूर किया बल्कि अपने मिलिट्री कैंपेन के तहद उसने करीब 2 करोड़ निर्दोष लोगों को मौत के घाट भी उतार दिया।
तैमूरलंग ने वेस्टर्न एशिया से लेकर सेंट्रल एशिया होते हुए भारत तक अपने विशाल साम्राज्य का विस्तार किया। उसने अपनी सेना को आदेश दिया था कि जो भी उसके रास्ते में आए उसे मौत की नींद सुला दिया जाए। इसी अभियान के तहद उसकी सेना ने एक ओर जहां पुरुषों को मार गिराया तो वहीं महिलाओं और बच्चों को बंदी बना लिया।
बताया जाता है कि सन 1380 और 1387 के बीच तैमूरलंग ने खुरासान, सीस्तान, अफगानिस्तान, फारस अजरबैजान और कुर्दीस्तान पर आक्रमण कर उन्हें अपना गुलाम बना लिया। जबकि सन 1393 में उसने बगदाद पर फतह हांसिल करते हुए उसने मेसोपोटामिया पर अपना शासन कायम किया।
गौरतलब है कि सिकंदर की तरह ही तैमूरलंग भी पूरी दुनिया पर अपना अधिकार जमाना चाहता था और अपनी इसी बादशाहत को कायम करने के लिए उसने बड़ी ही निर्ममता से 2 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।