चाइना के बने फोन एकबार फिर से चर्चा में हैं। लिथुआनिया नामक देश की सरकार ने अपने देश के नागरिकों से इन फोन्स को फेंकने की अपील की है। इसके अलावा सरकार के द्वारा भविष्य में भी चाइना के फोन को ना इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
लिथुआनिया। चाइना के बने फोन एकबार फिर से चर्चा में हैं। लिथुआनिया नामक देश(COUNTRY) की सरकार ने अपने देश के नागरिकों से इन फोन्स को फेंकने की अपील की है। इसके अलावा सरकार के द्वारा भविष्य में भी चाइना के फोन को ना इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। दरअसल, एक सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी फोन और डिवाइस के जरिए सेंसरशिप का खतरा है। बता दें कि चीन पर पहले भी सेंसरशिप(SENSORSHIP) के आरोप लग चुके हैं।
देश की साइबर सुरक्षा संस्था ने कहा कि चीन(CHAINA) की स्मार्टफोन दिग्गज कंपनी शाओमी कॉर्प ने यूरोप में बेचे जाने वाले फ्लैगशिप फोन में ‘फ्री तिब्बत’, ‘लॉन्ग लिव ताइवान इंडिपेंडेंस’ और ‘डेमोक्रेसी मूवमेंट’ जैसे शब्दों का पता लगाने और सेंसर करने वाले चिप लगाए हैं। रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने रिपोर्ट में कहा कि शाओमी के Mi 10T 5G फोन सॉफ्टवेयर की क्षमता यूरोपियन यूनियन(UNION) क्षेत्र के लिए बंद कर दी गई थी, लेकिन इसे किसी भी समय फिर से चालू किया जा सकता है।